बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के एकमात्र मेंटल हास्पिटल सेंदरी की अव्यवस्था को लेकर नाराज हाई कोर्ट ने दो अधिवक्ताओं को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर अस्पताल का निरीक्षण करने और रिपोर्ट पेश करने कहा है। इसके लिए डिवीजन बेंच ने एक सप्ताह का समय दिया है। कोर्ट कमिश्नरों के अलावा स्वास्थ्य सचिव को अस्पताल का निरीक्षण कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच ने जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही थी। नाराज सीजे ने कहा कि हाई कोर्ट की मानिटरिंग के बाद मेंटल हास्पिटल की व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पा रही है। नाराज सीजे ने स्वास्थ्य सचिव को नोटिस जारी कर पहले अस्पताल का निरीक्षण करने और फिर शपथ पत्र के साथ रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य सचिव के अलावा डिवीजन बेंच ने दो अधिवक्ताओं को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने कहा है। सुनवाई के दौरान नियुक्त कोर्ट कमिश्नर ने बेंच को बताया कि चिकित्सक ना तो तय समय पर अस्पताल पहुंचते हैं और ना ही तय समय तक ड्यूटी करते हैं। बायोमेट्रिक अटेंडेंस भी नहीं लगाते। मेंटल हास्पिटल में चौतरफा अव्यवस्था का आलम है। स्टाफ की कमी और तय समय तक चिकित्सकों के ना रहने के कारण मरीजों व परिजनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता ने बेंच को बताया कि राज्य शासन ने चिकित्सक व स्टाफ की नियुक्ति के विज्ञापन जारी कर दिया है। जल्द ही सेटअप के अनुसार स्टाफ की नियुक्ति कर ली जाएगी।

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