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July 8, 2025 2:38 am

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बाढ़ संकट में बना प्रशासन जनसेवा का प्रहरी , कलेक्टर-एसपी की संवेदनशीलता और तत्परता से मिली राहत की उम्मीद

बिलासपुर।जब जिला पानी से जूझ रहा था, तब प्रशासनिक मुखिया कलेक्टर आईएएस संजय अग्रवाल और एसएसपी आईपीएस रजनेश सिंह लोगों के बीच खड़े थे ।हालात का जायजा लेते, रास्ता दिखाते और राहत पहुंचाते। बिलासपुर जिले में अचानक हुई भारी बारिश और बाढ़ के हालात ने संकट की घड़ी पैदा की लेकिन इस चुनौती को अवसर में बदलकर प्रशासन ने जनसेवा का उदाहरण पेश किया गया।

कलेक्टर आईएएस संजय अग्रवाल और एसएसपी आईपीएस रजनेश सिंह ने आपातकालीन बैठक बुलाकर जिले के सभी अधिकारियों को दो टूक निर्देश दिए कि अब समय कागज़ों पर बैठने का नहीं लोगों के बीच जाकर राहत पहुंचाने का है। दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते कोई भी अफसर कार्यालय में नहीं बैठेगा। मैदानी इलाकों का दौरा करे और प्रभावितों की मदद को प्राथमिकता पर रखें बारिश रोज़ रोज़ नहीं होती और कहीं से शिकायत नहीं नहीं आनी चाहिए हम सभी का फ़र्ज़ है किसी भी तरह की लापरवाही बर्दास्त नहीं होगी ।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से राहत कार्य

बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन क्षेत्रों में जलभराव और नुकसान हुआ है, वहां तत्काल आरबीसी 6-4 के तहत सर्वे कर सहायता दी जाएगी। प्रभावित परिवारों को अस्थाई आवास, भोजन और पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। कलेक्टर ने कहा कि अगर किसी का मकान जर्जर हो चुका है तो उसे स्कूल या आंगनबाड़ी में सुरक्षित रूप से ठहराया जाए और जल्द मुआवजा दिया जाए।

मैदानी व्यवस्था में भी खुद उतरे कलेक्टर और एसएसपी 

कलेक्टर-एसपी की जोड़ी केवल बैठकों तक सीमित नहीं रही बल्कि खुद मौके पर पहुंचकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और आम लोगों से सीधे संवाद किया। बिल्हा मस्तुरी कोटा और तखतपुर के प्रभावित गांवों का जिक्र करते हुए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को तत्काल राहत पहुंचाने और निचले इलाकों से पानी निकालने के निर्देश दिए।

शहर के गंगानगर श्रीकांत वर्मा मार्ग तोरवा जैसे क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति को तुरंत कच्चे नाले बनाकर नियंत्रित किया गया। इस सक्रियता ने शहरवासियों को बड़ी राहत दी।

कलेक्टर एसएसपी ने कहा लोगों की जान की हिफाजत सर्वोच्च प्राथमिकता

एसएसपी रजनेश सिंह ने पुलिस और प्रशासन की टीमों को समन्वय के साथ कार्य करने को कहा। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि यदि पुल के ऊपर पानी बह रहा हो तो तुरंत बैरिकेड लगाकर आवाजाही रोकी जाए। लोगों से अपील की गई कि जान जोखिम में डालकर बहते पानी में सड़क पार न करें।

होमगार्ड्स की नावें, लाइफ जैकेट और ग्रामीण तैराकों की टीम तैयार रखी गई है। मछुआरों से भी सहयोग लिया जा रहा है। कलेक्टर ने कहा कि जलप्रपात और झरनों पर जाने वालों को भी चेताया जाए, ताकि हादसों से बचा जा सके।

स्वास्थ्य और संचार व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान

कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग को भी सतर्क करते हुए निर्देश दिए कि डायरिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि बीमार व्यक्ति को तुरंत इलाज मिले, इसके लिए किसी औपचारिकता की प्रतीक्षा न की जाए।

वहीं एसएसपी ने सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने वालों पर नजर रखने और तत्काल खंडन कर सही जानकारी देने के निर्देश दिए। साथ ही कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष सतर्कता बरतने की बात भी कही।

कलेक्टर एसएसपी अलर्ट, संवेदनशील स्थानों पर की जा रही तैयारी

इस आपदा में प्रशासन की भूमिका सिर्फ एक तंत्र की नहीं, बल्कि मानवता के प्रहरी की रही। कलेक्टर आईएएस संजय अग्रवाल और एसएसपी आईपीएस रजनेश सिंह की सक्रियता संवेदनशीलता और तत्परता ने साबित किया कि जब नेतृत्व दृढ़ और निष्ठावान हो तो कोई आपदा बड़ी नहीं होती।जिले में प्रशासन लगातार नज़र बनाए हुए है ।उक्त हालात को देखते हुए जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड में है। संवेदनशील स्थानों की पहचान कर वहां पर तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे जोखिम वाले क्षेत्रों में जाने से बचें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन को सूचित करें।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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