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June 2, 2025 10:24 pm

R.O.NO.-13250/13

संयुक्त कलेक्टर/डिप्टी कलेक्टर को सीनियर आर.टी.ओ के पद पर प्रतिनियुक्त को चुनौती, हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस

बिलासपुर छत्तीसगढ़ ।आरटीओ में राज्य सेवा संवर्ग के अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति व पदस्थापना को चुनौती देने वाले याचिका पर हाई कोर्ट के सिंगल बेंच में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग, सचिव एवं परिवहन आयुक्त को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है.

परिवहन विभाग के अमित प्रकाश कश्यप, गौरव साहू, विवेक सिन्हा, एस.एल.लाकड़ा, सी. एल. देवांगन, रविन्द्र कुमार ठाकुर एवं अन्य याचिकाकर्ता जो की सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (ARTO), क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (RTO), तकनीकी अधिकारी एवं सहायक परिवहन आयुक्त जैसे पदों पर कार्यरत हैं. याचिका दायर कर राज्य शासन द्वारा अन्य विभाग के अधिकारीयो को आर.टी.ओ एवं सीनियर आर.टी.ओ के पदो पर प्रतिनियुक्ति / पदस्थापना करने की प्रक्रिया को चुनौती दी है। अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी के माध्यम से हाई कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की गई | जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बी.डी. गुरु ने सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग, सचिव एवं परिवहन आयुक्त, परिवहन विभाग सहित प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब तलब किया है।

याचिका के अनुसार भी याचिकाकर्ता अधिकारीयो की मैकेनिकल या ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में योग्यता हैं, जो कि छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग अधीनस्थ श्रेणी-III (कार्यपालिक) सेवा भर्ती नियम, 2008 और छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग (गजटेड) सेवा भर्ती नियम, 2010 के अनुसार इन पदों के लिए अनिवार्य है।राज्य शासन द्वारा बार-बार इन स्पष्ट नियमों को अनदेखा कर राज्य प्रशासनिक सेवा (SAS) के अधिकारियों – जैसे संयुक्त कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर को आरटीओ और एसआरटीओ जैसे तकनीकी पदों पर प्रतिनियुक्ति पदस्थापना किया जा रहा है, जबकि उनके पास पद अनुरूप योग्यता एवं प्रशिक्षण (अनुभव) नहीं है । याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने कहा कि परिवहन विभाग का कार्य अत्यंत तकनीकी प्रकृति का हैं, जिसमें वाहन परीक्षण, सड़क सुरक्षा, मोटरयान अधिनियमों का क्रियान्वयन, और यांत्रिक निरीक्षण जैसे कार्य शामिल हैं। इन कार्यों के प्रभावी निष्पादन हेतु संबंधित अधिकारी का प्रशिक्षित होना आवश्यक है। ऐसे में नियम विरुद्ध नियुक्ति देकर योग्य और वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों की पदोन्नति रोकी जा रही है | जो कि संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 में प्रदत्त समानता और समान अवसर के अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है |

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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