तबादलों की चर्चा और सिस्टम का खेल
सुशासन तिहार का पहला दौर सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया है। पूरे प्रदेश में लोगों ने तिहार के पहले चरण में जमकर हिस्सेदार निभाई। भीषण गर्मी के बाद शिविर स्थल तक पहुंचे और अपने साथ लेकर आवेदन पत्र की एक कापी सौंपी और पावती भी ली। पहले दौर की सफलता के बाद अब समस्याओं के निराकरण और निदान का दौर प्रारंभ होगा। देखने वाली बात तो यही रहेगी कि कितने आवेदनों का निराकरण वास्तव में अफसर करते हैं। जैसा कि सिस्टम है, यह सबको अच्छी तरह और भलीभांति पता है कि तिहार का आनंद और मजा को सिस्टम में बैठे अफसर और ग्राउंड लेबल के कर्ताधर्ता कैसे पलीता लगाते हैं। सिस्टम का खेल अपने आप में निराला है। बहरहाल सुशासन तिहार के बीच अब तबादलों की चर्चा भी होने लगी है। सत्ता के गलियारे में यह बात तो पहले से ही उठ रही है और कानाफूसी भी हो रही है कि तिहार मनाने के बाद कुछ आईएएस और आईपीएस का जिला बदलेगा। कुछ को नया जिला मिलेगा तो कुछ सीधे मंत्रालय पहुंचकर कुर्सी संभालेंगे।
एक आईपीएस के कामकाज की होने लगी चर्चा
कहते हैं ना काम ऐसा करिए कि लोग खुद-ब- खुद जान जाए और पहचानने लगे। लोग ऐसा भी कहते हैं….काम ही काम आता है और काम जब बोलता है तो आवाज दूर तलक जाती है। कुछ इसी अंदाज में छत्तीसगढ़ के एक आईपीएस अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। नशे के सौदागरों को कौन नहीं जानता। भावी पीढ़ी या ऐसा भी कह सकते हैं कि समाज के नए नस्ल को बर्बाद करने में ये लोग कसर नहीं छोड़ रहे हैं। भावी पीढ़ी को नशे की लत लगाना और अपने लिए संपत्ति बटोरना। आईपीएस ने नशे के सौदागरों के बादशाह किंगपिन को धर दबोचा। धीरे-धीरे सारे राज भी उगलवा लिए। अब हम सफेमा कोर्ट की तरफ चलते हैं। जी हां। यह मुंबई में है। नशे के सौदागरों के मामले मुकदमों की सुनवाई करता है। आईपीएस ने सीधे सफेमा कोर्ट की ओर रुख किया। नशे के सौदागरों द्वारा नशे के कारोबार से बनाई गई संपत्तियों का हिसाब-किताब सफेमा कोर्ट के सामने रखा। संपत्ति जब्त की पेशकश की। कहते हैं ना अच्छे काम का नतीजा भी अच्छा निकलता है। लिहाजा आईपीएस को सफलता मिल ही गई। सफेमा कोर्ट ने नशे के सौदागरों की संपत्ति जब्त करने का आदेश दे दिया। नशे के सौदागरों की कमर तोड़ने और संपत्ति जब्त करने के मामले में छत्तीसगढ़ में बिलासपुर टाप पर है। आईपीएस लाबी में बिलासपुर जिले के आईपीएस का अपना अलग स्थान और रुतबा भी उसी अंदाज में। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में पदस्थ एसपी को बिलासपुर जिले के कप्तान ने मुंबई सफेमा कोर्ट का रास्ता जो दिखा दिया है।
करवट बदलने लगा बस्तर, ये तो अच्छी तस्वीर है
बस्तर अपने इतिहास को बदलने आतूर दिखाई दे रहा है। हाल ही में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बस्तर के विकास के लिए जो रोडमैप खींची है वह वाकई सराहनीय है। अब नक्सलवाद से दूर बस्तर एक नई इबारत लिखने तैयार हो गया है। प्राकृतिक संसाधनों और साैंदर्य से भरपूर बस्तर की अपनी एक नई कहानी सामने आएगी। देश और दुनिया में बस्तर की बनी छवि आने वाले दिनों में कल की बात हो जाएगी। कृषि से लेकर अत्याधुनिक संसाधनों से भरापूरा नजर आएगा। छत्तीसगढ़वासियों के लिए यह किसी सपना से कम नहीं। लोगों को वह घटना भी याद है जब नक्सलवादियों ने खून की होली खेली थी और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को मौत के घाट उतार दिया था। तब के बस्तर और आज का बस्तर। जमीन आसमान का अंतर दिखाई देने लगा है। बस्तर तेजी के साथ करवट बदल रहा है। विकास के रास्ते पर चलने और एक नई गाथा लिखने को आतूर बस्तर की यह तस्वीर वाकई अच्छी है। भरोसा और विश्वास में ही तो दुनिया टिकी है। भरोसा तो कर ही सकते हैं। बस्तर के दिन बहुरेंगे और विकास की एक नई तस्वीर सामने आएगी।

ये तो गजब हो गया
बिलासपुर जिले का कोटा राजस्व अनुविभाग की चर्चा इन दिनों खूब हो रही है। हो भी क्यों ना। अफसरों ने काम ही कुछ ऐसा किया है। राजस्व विभाग के एक आला अफसर ने तो गजब कर दिया। कागज में आप जो बना ले और जो कर ले। सब जायज है। यह जुमला नहीं है। बिलासपुर जिले में ऐसा पहले से होते चले आ रहा है। परंपरा का निर्वहन आज के अफसर भी उसी शिद्दत के साथ कर रहे हैं जैसा उनके पूर्व के अफसर और सीनियर्स कर गए हैं। राजस्व विभाग के एक आला अफसर ने कागज में खेती की जमीन बना दी,धान की फसल लगा दिया और किसान भी बना दिया। जी हां। ऐसा कारनामा यहीं हुआ है वह भी पड़ोस के कोटा में। जंगल की जमीन को अफसर ने खेत बना दिया। खेत बनाने के बाद खेती भी कर लिया और धान की फसल भी ले लिया। अब दूसरा कारनामा देखिए, वह भी कागज में। जंगल की जमीन को खेत बनाने के बाद इसका मद परिवर्तन कर दिया। खेती की जमीन को कमर्शियल यूज का बना दिया और डायवर्सन भी कर दिया। पटवारी तो पटवारी ठहरे। उनको तो इस काम का महारात हासिल रहता है। साहब का हल्का इशारा मिला ओर कागज में सब-कुछ ओके। फर्जीवाड़ा तो पकड़ में आ गई, पर यह क्या बड़े साहब ने कागज में जंगल की जमीन को खेत बनाने और कमर्शियल यूज के लिए डायवर्सन करने वाले राजस्व अधिकारी काे अभयदान दे दिया है।
अटकलबाजी
कांग्रेस के न्याय यात्रा से किसको-किसको न्याय मिलने वाली है। अन्याय किसके साथ हुआ। न्याय अपोलो से मिलेगा या फिर बैकडोर कुछ प्रपोल मिल गया है।
पीसीसी ने बिलासपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष व उप नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा कर दी है। किस कांग्रेसी पार्षद के अरमान पर बिजली गिर गई। भैया के करीबी होने का लाभ क्यों नहीं मिल पाया।

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन