बिलासपुर। बिलासपुर नगर निगम के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब बिना नेता प्रतिपक्ष के पार्षद सीधे सामान्य सभा की बैठक में पहुंचे। निगम चुनाव के महीने भर बाद भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश के नगरीय निकायों के लिए नेता प्रतिपक्ष और पार्षद दल के उप नेता के पद पर पार्षदों के नाम का चयन नहीं कर पाई। पीसीसी के अलावा इसे स्थानीय संगठन की विफलता के रूप में भी देखा जा रहा है।




नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान में कांग्रेस की राजनीति किस करवट बदल रही थी और पदाधिकारी से लेकर कार्यकर्ता और उम्मीदवारों की सियासी हैसियत क्या थी, यह किसी से छिपा हुआ नहीं है। पूरे चुनाव के दौरान और चुनाव के बाद तक या यूं कहें कि आजतलक चुनावी रंजिश और गुटीय राजनीति का असर यदाकदा देखने को मिल ही जाता है। तभी तो जिला पंचायत में सभापति के चुनाव के दौरान जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कमेटी का गठन कर दिया था। जिला व शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों ने निकाय चुनाव के दौरान जिन लोगों ने भीतर और खुलाघात किया ऐसे लोगों को चुन-चुनकर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। गुटीय राजनीति और आपसी सियासी रंजिश का असर भी देखने को मिला।



जिला व शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाते हुए विधायक,पीसीसी व एआईसीसी के पदाधिकारियों की प्राथमिक सदस्यता निष्कासित करने की सिफारिश कर दी थी। हालांकि पीसीसी ने बात संभाालते हुए ऐसे पदाधिकारियों की शिकायतों की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया है। निकाय चुनाव के महीनों बाद छत्तीसगढ़ प्रवास पर आए एआईसीसी के महासचिव व प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट के सामने भी पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने यह महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया था। चर्चा तो इस बात की भी हो रही है कि तब पीसीसी प्रभारी ने जिले के एक अध्यक्ष को जमकर फटकार लगाई थी और बाहर जाने कह दिया था। निकाय चुनाव के दौरान उभरी गुटीय लड़ाई का असर निगम में पार्षद दल का नेता चुनने में भी नजर आया। सामान्य सभा की बैठक का ऐलान पहले ही हो गया था। उसके बाद भी संगठन स्तर पर नेता प्रतिपक्ष का चुनाव करने ना तो पहल नजर आई और ना ही सियासी सक्रियता। इसका असर ये हुआ कि सामान्य सभा की बैठक में कांग्रेसी पार्षद बिना नेता के ही सदन में पहुंचे और अपनी-अपनी बात कहते रहे।


कांग्रेसी खेमे में यह सवाल भी उठ रहा है कि सियासी तौर पर कांग्रेस की हुई इस फजीहत के लिए जिम्मेदार कौन है। किसे जिम्मेदार ठहराया जाए। 15 अप्रैल को लालबहादुर शास्त्री स्कूल स्थित देवकीनंदन दीक्षित सभाकक्ष में निगम बजट के लिए सामान्य सभा की बैठक के दौरान सत्ता और विपक्षी दोनों खेमे में इस बात की चर्चा चलती रही। लोग अपने-अपने तरीके से कांग्रेस की गुटीय राजनीति को लेकर अटकलें भी लगाते रहे।
पीसीसी ने इनको बनाया नेता प्रतिपक्ष व उप नेता प्रतिपक्ष
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष के नामों की घोषणा कर दी है। नगर निगम बिलासपुर का नेता प्रतिपक्ष भरत कश्यप को बनाया गया है, जबकि उप नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संतोषी रामा बघेल को दी गई है।

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