छत्तीसगढ़ ‘ बिलासपुर कांग्रेस भवन में जलियावाला बाग हत्याकांड की बरसी के अवसर पर श्रद्धांजलि दी । अवसर पर शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि जलियावाला बाग की घटना अंग्रेजो की भारतीयों के साथ कायरता ,नफरत और बर्बरता की उदाहरण है, अंग्रेजो ने प्रथम विश्व युद्ध के बाद रोलेट एक्ट लागू किया ,जो भारतीय जनता को कुचलने के पूरा अधिकार देता था, रोलेट एक्ट जनता के सारे अधिकारों को खत्म करने वाला था और सभी अधिकार अंग्रेज को संरक्षित और सुरक्षित करने वाला था,जिसका विरोध होने लगा और 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के पर्व पर पंजाब के अमृतसर में स्वर्णमंदिर के करीब सँकरी गली वाले जलीय बाग में आमसभा का आयोजन किया गया था किंतु जनरल डायर ने निहत्थे लोगो पर गोली चलवा दिया जिसमें 500 से अधिक लोग मारे गए 2000 से अधिक घायल हुए ,जिसकी विश्व स्तर पर निंदा की गई और सतपाल मलिक और सैफुद्दीन किचलू को काला पानी की सजा हुई पर ये कभी अंग्रेजो से माफी नही मांगी ।
संयोजक ज़फ़र अली,हरीश तिवारी , डॉ काली चरण यादव ने कहा कि जलियावाला बाग की घटना ,1857 के विद्रोह के बाद बड़ी घटना थी, गांधीजी का आगमन हो चुका था और सेनानी आमने सामने लड़ने की स्थिति में पहुंच गए ,कहीं न कहीं आज़ादी की पृष्ठ भूमि तैयार हो गई थी,घटना को सही ठहराने वाले जनरल ओ डायर को उधम सिंह ने इंग्लैंड जाकर हत्या कर दी, रबिन्द्र नाथ टैगोर ने अंग्रेजो की उपाधि ” नाईट हुड ” को वापस कर दिया,इस घटना का महारानी एलिजाबेथ और पूर्व प्रधानमंत्री केमरॉन ने घटना स्थल पहुंच कर श्रद्धांजलि दी और घटना को गलत बताया। इतिहास की नृशंस हत्याओ में से एक है।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे, जिनमें ,माधव ओत्तालवार, त्रिभुवन कश्यप,जितेंद्र पांडेय,विनोद शर्मा,विनोद साहू, मनोज शर्मा,स्वर्णा शुक्ला,अन्नपूर्णा ध्रुव,उतरा सक्सेना, गणेश रजक,सत्येंद्र तिवारी,गौरव एरी,राज कुमार यादव,चन्द्र हास केशरवानी,अयूब खान,मनोज शुक्ला,राजेश शर्मा,करम गोरख,सुरेंद्र तिवारी,वीरेंद्र सारथी,राजीव साहू,राकेश बंजारे सहित अन्य गणमान्य जन उपस्थित थे।

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन