बिलासपुर। बिना सुनवाई का अवसर दिए शासकीय कर्मचारी के वेतन से वसूली करने के आदेश को हाई कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने पहले वसूल कर ली गई राशि को वापस लौटाने का निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ता विनायक मानपुरे उद्यानिकी विभाग में कार्यरत थे। सेवाकाल में उनके विरुद्ध वसूली कार्यवाही प्रारम्भ हुई तथा बगैर जांच एवं सुनवाई का अवसर दिए बिना सात लाख रुपए की वसूली कर ली गई। वर्ष 2020 में सेवानिवृत्ति के पश्चात उनके विरुद्ध वसूली राशि पर ब्याज राशि लगभग 9 लाख रुपए लेना बताते हुए विभाग ने रिकवरी आदेश जारी कर दिया। विभाग के आदेश को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि वसूली कार्यवाही से पहिले छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम की नियम 16 के अनुसार उसे सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया है।

इसके अलावा विभाग ने जांच भी नहीं कराई है। बगैर जांच रिकवरी आदेश जारी करना असंवैधानिक है। याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि सिविल सेवा नियम 16 का विभागीय अफसरों ने पालन नहीं किया है। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने रिकवरी आदेश को रद्द करते हुए याचिकाकर्ता से पूर्व में वसूली गई 6 लाख रुपये की राशि को वापस लौटाने का निर्देश राज्य शासन को दिया है।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief