Explore

Search

July 1, 2025 3:39 pm

R.O.NO.-13250/14

Advertisement Carousel

कांस्टेबल की वीआरएस के आदेश पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, डीबी ने सिंगल बेंच के फैसले को किया खारिज

बिलासपुर। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने एक पुलिस कांस्टेबल की अनिवार्य सेवानिवृत्ति खारिज कर दी। डिवीजन बेंच ने कहा कि, अनुशासनात्मक अधिकारियों को कांस्टेबलों पर बड़ा दंड लगाने से पहले पुलिस विनियमन के विनियमन 226 के तहत दिए गए कम दंड पर विचार करना चाहिए।
डिवीजन बेंच ने कहा कि बर्खास्तगी अंतिम उपाय होना चाहिए और यह तब तक नहीं की जानी चाहिए जब तक कि, अन्य सभी उपाय विफल न हो जाए। रामसागर सिन्हा बिलासपुर के संकरी में कांस्टेबल थे। 31.अगस्त .2017 को अनुशासनात्मक अधिकारी ने उनके खिलाफ आरोप पत्र जारी किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने महत्वपूर्ण शिविर सुरक्षा ड्यूटी करने से इनकार कर दिया और वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना की। अधिकारियों ने दावा किया कि, उनके कार्यों ने पुलिस विनियमन संख्या 64 के उप-नियम (2) (4) (5) और छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल अधिनियम, 1968 की धारा 16 और 17 का उल्लंघन किया है* छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 2014 के तहकवाड़ा नक्सली हमले में चार लोगों की दोषसिद्धि बरकरार. रखी। विभागीय जांच के बाद, अनुशासनात्मक प्राधिकारी ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति की सजा सुनाई। याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट के समक्ष एक रिट याचिका दायर की, जिसे सिंगल बेंच ने खारिज कर दिया। सिंगल बेंच के फैसले को डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि

WhatsApp Image 2025-06-30 at 22.08.13_4c6b1664
WhatsApp Image 2025-06-30 at 22.08.13_6350de1c
WhatsApp Image 2025-06-30 at 22.08.13_6dc79aad
WhatsApp Image 2025-06-30 at 22.08.13_fe49f8b4

याचिकाकर्ता 56 वर्ष की आयु में अपने खराब स्वास्थ्य के बावजूद नक्सल क्षेत्र में तैनात थे, जिसके कारण वे 24.जुलाई 2017 को ड्यूटी पर रिपोर्ट नहीं कर पाए। उन्होंने तर्क दिया कि, जांच समिति सिन्हा के स्वास्थ्य संबंधी दावों की पुष्टि करने के लिए चिकित्सा जांच करने में विफल रही* इसके अलावा, उन्होंने कहा कि पुलिस विनियमन 226 (3 ) और (4 ) के अनुसार, चूंकि सिन्हा कांस्टेबल के निम्नतम पद पर कार्यरत थे, इसलिए कथित कदाचार के लिए उचित सजा चेतावनी होती, न कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति। मामले की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को रद्द कर दिया है।

WhatsApp Image 2025-06-30 at 22.08.15_d51e7ba3
WhatsApp Image 2025-06-30 at 22.08.14_1c66f21d
WhatsApp Image 2025-06-30 at 22.08.14_eaaeacde
रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

CRIME NEWS

BILASPUR NEWS