रेंज स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न
रायपुर। ज्ञान की पूर्ति अध्ययन एवं निरंतर अभ्यास से की जा सकती है, किंतु प्रेरणा तथा लगन की कमी बिना जुनून के पूरी नहीं की जा सकती। यह विचार रायपुर रेंज के आईजी अमरेश कुमार मिश्रा ने एनडीपीएस एक्ट पर आयोजित रेंज स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान व्यक्त किए।

मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के उद्देश्य से यह कार्यशाला 27 मार्च को यातायात मुख्यालय, कालीबाड़ी के मीटिंग हॉल में आयोजित की गई। इसमें आईजी अमरेश मिश्रा और एसएसपी रायपुर डॉ. लाल उमेद सिंह मुख्य रूप से उपस्थित रहे। रायपुर रेंज के रायपुर, धमतरी, महासमुंद, बलौदाबाजार और गरियाबंद जिलों से कुल 63 पुलिस अधिकारियों ने इसमें भाग लिया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भारत सरकार, गृह मंत्रालय के अंतर्गत नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारियों ने महत्वपूर्ण जानकारी दी। प्रमुख प्रशिक्षकों में एनसीबी के जोनल निदेशक रविशंकर जोशी, अधीक्षक अनिल कुमार और अभियोजन अधिकारी भुवन साहू शामिल थे।
इन्होंने पुलिस अधिकारियों को मादक पदार्थों के प्रकार, उनके वर्गीकरण, आर्थिक अन्वेषण, डिस्पोजल, जब्ती, संकलन और निराकरण की कानूनी प्रक्रियाओं पर प्रशिक्षण दिया। उन्होंने एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के प्रभावी क्रियान्वयन और विवेचना के दौरान आने वाली चुनौतियों का समाधान करने की रणनीतियों पर भी प्रकाश डाला।

प्रशिक्षण के दौरान निरीक्षक, उपनिरीक्षक और सहायक उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारियों ने अपने मैदानी अनुभव साझा किए। उन्होंने विवेचना के दौरान आने वाली व्यावहारिक परेशानियों के बारे में चर्चा की। विशेषज्ञों ने एनडीपीएस एक्ट की धाराओं की विस्तृत व्याख्या करते हुए कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया को स्पष्ट किया।
इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा ने अधिकारियों से संवाद किया और उन्हें प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि समाज में अपराध बढ़ने का सबसे बड़ा कारण नशा है। जब कोई व्यक्ति नशे में होता है, तो उसके द्वारा किया गया अपराध सामान्य से अधिक गंभीर हो जाता है।

उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी रोकने और इसके अवैध व्यापार की कड़ी को तोड़ने के लिए पुलिस को पूरी प्रतिबद्धता और सतर्कता के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमारी कार्यवाही ऐसी होनी चाहिए कि अपराधी दोषमुक्त न हो सके। हमें कानून का पालन करते हुए ठोस और प्रभावी कार्रवाई करनी होगी। प्रशिक्षण में शामिल अधिकारियों ने इस कार्यशाला को अत्यंत उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि इससे प्राप्त जानकारी एनडीपीएस मामलों में प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने और दोष सिद्धि को बेहतर बनाने में सहायक होगी।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर आईजी अमरेश मिश्रा एवं एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने एनसीबी के विशेषज्ञों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief