रायपुर। कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने करोड़ों के सीजीएमएसी घोटाले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई से कराने की मांग की है। डा गुप्ता का कहना है कि रिएजेंट की खरीदी के लिए केंद्र सरकार ने फंड जारी किया था। केंद्रीय फंड का इस तरह दुरुपयोग समझ से परे है। राज्य सरकार को चाहिए कि इस पूरे मामल की जांच सीबीआई को सौंपा जाए।

डा गुप्ता ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि लगातार मीडिया रिपोर्ट के बाद दबाव में राज्य की भाजपा सरकार ने रिएजेंट और दवा सप्लाई घोटाले की जांच की घोषणा की थी। इस मामले की लीपापोती करने ईओडब्ल्यू से जांच कराई जा रही। जबकि यह केंद्रीय पैसे में घोटाला है। लिहाजा इसकी जांच सीबीआई से होनी चाहिए। इस घोटाले में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल भी शामिल है। घोटाले के जांच के बीच मंत्री जायसवाल ने सप्लाई करने वाली कंपनी को भुगतान करवा दिया। इससे साफ है कि घोटाले में मंत्री की सहभागिता थी।
कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि रिएजेंट की कृत्रिम मांग में स्वास्थ्य विभाग के तीनों अंग आपस में जुड़े हुए हैं। अफ़सर तो दोषी थे ही। अब राज्य के मंत्री की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। ऐसे में यह उम्मीद कैसे की जा सकती है कि राज्य की कोई एजेंसी अपने ही सरकार के किसी मंत्री की भूमिका की जांच करेगी। डा गुप्ता का कहना है कि रिएजेंट खरीदी के लिए केंद्र सरकार ने फंड जारी किया था।

कांग्रेस पार्टी को लगता है कि राज्य सरकार, खासकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इस जांच में लीपापोती करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी मांग है कि सैकड़ों करोड़ रुपए के इस घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए।
स्वास्थ्य मंत्री इस्तीफा दें या सीएम करें बर्खास्त
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इस घोटाले की जांच जब तक पूरी नहीं हो जाती, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को पद से हटा देना चाहिए। घोटाले के दौरान विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई होनी चाहिए। अगर इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो यह निश्चित है ये अपने प्रभाव का उपयोग कर जांच को प्रभावित करने की हर संभव कोशिश करेंगे।

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