बिलासपुर, 19 मार्च 2025 – विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंत्रालय से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा में कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने कांग्रेस की ओर से अपनी बात रखी। उन्होंने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर, पर्यटन स्थलों के विकास और आदिवासी समुदाय के अधिकारों को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया।
विधायक श्रीवास्तव ने कहा कि छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और धरोहर को सहेजना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने मध्य प्रदेश के “भारत भवन” की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी एक भारत भवन स्थापित करने की मांग उठाई, लेकिन इसे रायपुर के बजाय बस्तर, सरगुजा या बिलासपुर संभाग में बनाने का सुझाव दिया।

खनिज संसाधनों के दोहन पर भी जताई चिंता
बस्तर और सरगुजा जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में हो रहे खनिज संसाधनों के अंधाधुंध दोहन पर चिंता जाहिर करते हुए अटल श्रीवास्तव ने कहा कि खनिजों की ई-नीलामी का फायदा केवल उद्योगपतियों को हो रहा है, जबकि स्थानीय आदिवासी समुदाय इससे वंचित हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अपने “मित्र उद्योगपतियों” को फायदा पहुंचाने के लिए इन क्षेत्रों में तेजी से खनिज ब्लॉकों की नीलामी कर रही है।
उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाया कि हाल के दिनों में केंद्रीय गृह मंत्री बार-बार बस्तर का दौरा क्यों कर रहे हैं और मुख्यमंत्री दिल्ली में लगातार बैठकें क्यों कर रहे हैं? उन्होंने आशंका जताई कि कहीं इन दौरों के पीछे कोई “छिपा एजेंडा” तो नहीं है।
बिलासपुर की हवाई सेवा पर भी उठाए सवाल

बिलासपुर की हवाई सेवा को लेकर सरकार की अनदेखी पर सवाल उठाते हुए अटल श्रीवास्तव ने कहा कि जब बिलासपुर में एसईसीएल मुख्यालय, रेलवे जोन मुख्यालय, एनटीपीसी, मेडिकल कॉलेज और केंद्रीय विश्वविद्यालय जैसे महत्वपूर्ण संस्थान मौजूद हैं, तो वहां हवाई सेवा क्यों नहीं दी जा रही? उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर बिलासपुर की उपेक्षा कर रही है और बजट में इस दिशा में कोई प्रावधान नहीं किया गया।
राम वन गमन पथ पर काम करने की मांग
उन्होंने छत्तीसगढ़ के पर्यटन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि राज्य में “राम वन गमन पर्यटन परिपथ” को और विकसित किया जाना चाहिए। विकास केवल नया रायपुर तक सीमित न रहकर रायगढ़, जशपुर, सरगुजा, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, बिलासपुर और बस्तर जैसे क्षेत्रों तक पहुंचना चाहिए, ताकि वहां भी बड़े सांस्कृतिक आयोजन हो सकें।
शेरो-शायरी के जरिए विधायक ने कसा सरकार पर तंज
अटल श्रीवास्तव ने सरकार की नीतियों पर तंज कसते हुए शेरो-शायरी के माध्यम से भी अपनी बात रखी—
“नशेमन के ही लुट जाने का गम होता तो क्या गम था,
यहाँ तो बेचने वालों ने गुलशन ही बेच दिया।”
“जमीन बेच देंगे, गगन बेच देंगे,
कली बेच देंगे, चमन बेच देंगे,
कलम के सिपाही सो गए,
वतन के मसीहा वतन बेच देंगे।”
उन्होंने सरकार से अपील की कि वह छत्तीसगढ़ की संस्कृति, पर्यटन और आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए और राज्य के खनिज संसाधनों को उद्योगपतियों के हवाले करने से बचे।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief