बिलासपुर। जिले में धारदार हथियारों से हमलों के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। विधानसभा सत्र के दौरान विधायक अटल श्रीवास्तव ने इस गंभीर विषय को सदन में उठाया और दिसंबर 2023 से जनवरी 2025 तक जिले में चाकूबाजी की घटनाओं का ब्योरा मांगा। उन्होंने पूछा कि इस अवधि में कितनी हत्याएं और हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हुए, साथ ही इन घटनाओं में उपयोग किए गए हथियार कहां से खरीदे गए।





गृहमंत्री विजय शर्मा ने सदन को जानकारी देते हुए बताया कि जिले में पिछले एक साल के दौरान कुल 70 हत्याएं हुई हैं, जबकि 83 लोगों पर जानलेवा हमला किया गया। उन्होंने बताया कि अधिकतर मामलों में घरेलू धारदार हथियारों का इस्तेमाल किया गया, जबकि कुछ मामलों में अपराधियों ने ऑनलाइन प्लेटफार्म से चाकू और अन्य हथियार मंगाए थे।
यदि थाना वार बात करें तो सरकंडा थाना क्षेत्र में सबसे अधिक 9 हत्याएं और 21 हत्या के प्रयास दर्ज किए गए हैं। कोटा और सीपत में 10-10 हत्याएं हुईं, जबकि मस्तूरी में 7 और सिविल लाइन, तारबाहर, तोरवा, कोनी, बिल्हा, रतनपुर, पचपेड़ी, सकरी और सिरगिट्टी में भी हत्याओं के मामले सामने आए। हत्या के प्रयास की घटनाओं में सरकंडा के बाद सबसे अधिक मामले मस्तूरी में 10, सिविल लाइन में 8, रतनपुर में 7, सिरगिट्टी में 7 और कोतवाली, कोटा, सकरी व तखतपुर में भी हत्या के प्रयास के मामले दर्ज किए गए।
बढ़ती घटनाओं को देखते हुए एसपी रजनेश सिंह ने कुछ दिन पहले ही जिले के सभी थानेदारों और राजपत्रित अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। इसमें उन्होंने अधिकारियों को चाकूबाजी के मामलों में शामिल युवकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, पुलिस प्रशासन ने ऑनलाइन प्लेटफार्म्स से संपर्क कर धारदार हथियार मंगाने वालों की जानकारी मांगी है। पुलिस को कंपनियों से मिली जानकारी के आधार पर उन लोगों की पहचान की जा रही है, जिन्होंने ऑनलाइन माध्यम से चाकू और अन्य हथियार खरीदे हैं।




प्रधान संपादक