छत्तीसगढ़ ।एक दंगा मामले के आरोपी को अदालत से जमानत मिलने के बाद, उसके समर्थकों ने सड़क पर जाम लगाकर जश्न मनाना शुरू कर दिया, जिससे राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
घटना के दौरान सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। बसों, कारों और अन्य वाहनों में बैठे बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं असहाय होकर इस अव्यवस्था को देखते रहे, जबकि आरोपी और उसके समर्थक शक्ति प्रदर्शन करते रहे।

स्थानीय नागरिकों ने इस प्रदर्शन की निंदा करते हुए कहा कि सड़कें किसी भी व्यक्ति या समूह की निजी संपत्ति नहीं हैं, जहां मनमानी की जाए। लोगों ने प्रशासन से मांग की कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
पुलिस प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों सड़क को जाम करने वाले तत्वों पर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई? अगर आम जनता सड़क पर उतरती, तो लाठीचार्ज में देर नहीं लगती, लेकिन दंगा आरोपी और उसके समर्थकों को खुली छूट दी गई।

गौरतलब है कि आरोपी को केवल जमानत मिली है, बरी नहीं किया गया है। बावजूद इसके, उसे क्रांतिकारी के रूप में पेश किया जा रहा है। ऐसी घटनाएं समाज में गलत संदेश देती हैं और कानून व्यवस्था की गंभीरता पर सवाल खड़े करती हैं।
जनता ने प्रशासन से अपील की है कि इस तरह के प्रदर्शन को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं, ताकि आम नागरिकों को अनावश्यक परेशानियों का सामना न करना पड़े।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief