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March 20, 2025 7:46 pm

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स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती भूमिहार ब्राह्मण समाज द्वारा मनाई गई

बिलासपुर।भूमिहार ब्राह्मण समाज द्वारा ग्राम महमंद स्थित सामाजिक भवन में स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डीएलएस कॉलेज बिलासपुर के प्राचार्य एवं गायत्री समाज चांटीडीह के संरक्षक प्रो. प्रताप पाण्डेय उपस्थित रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. के.एन. चौधरी (सेवानिवृत्त चिकित्सक, सिम्स बिलासपुर) ने की।

समारोह के विशिष्ट अतिथि सुधीर झा (सचिव, पाटलिपुत्र सांस्कृतिक विकास मंच) एवं आर.पी. सिंह (पूर्व अध्यक्ष, भूमिहार ब्राह्मण समाज) रहे। समाज के अध्यक्ष नवीन सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया और भगवान परशुराम तथा स्वामी सहजानंद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर दीप प्रज्वलित किया।

स्वामी सहजानंद के योगदान पर विचार-विमर्श

कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. के.एन. चौधरी ने स्वामी जी के जीवन और उनकी लिखित पुस्तकों पर प्रकाश डालते हुए उनके द्वारा किए गए किसान आंदोलनों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्वामी जी ने किसानों के हित में कई आंदोलन किए और उनके लिए संगठित संघर्ष किया।

मुख्य अतिथि प्रो. प्रताप पाण्डेय ने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती न केवल राष्ट्रवादी नेता और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, बल्कि उन्हें भारत में किसान आंदोलन का जनक भी माना जाता है। वे आदि शंकराचार्य परंपरा के दंडी संन्यासी थे और महाशिवरात्रि के दिन जन्मे थे। उन्होंने स्वामी जी के जीवन को तीन कालखंडों में विभाजित करते हुए उनके संघर्षों को विस्तार से बताया:

1. 1889-1920: प्रारंभिक जीवन, वैवाहिक जीवन एवं आध्यात्मिक प्रभाव

2. 1920-1936: स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी और किसान आंदोलनों की शुरुआत

3. 1936-1950: अखिल भारतीय किसान सभा का गठन और राष्ट्रीय किसान आंदोलन का नेतृत्व

उन्होंने बताया कि स्वामी जी ने 1948 में साम्यवादी सहयोग से किसान सभा का संचालन किया और उनके विचारों पर महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, स्वामी विवेकानंद और वामपंथी विचारकों का प्रभाव भी रहा।

समारोह में बड़ी संख्या में लोग हुए शामिल

कार्यक्रम का संचालन समाज के उपाध्यक्ष अभयनारायण राय ने किया। राजीव कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया, जबकि आभार प्रदर्शन राकेश दीक्षित ने किया। समारोह में अमित सिंह, पंकज कुमार सिंह, प्रकाश जोशी, प्रशांत सिंह, विवेक कुमार, रजनीकांत, डीके सिंह, उमेश प्रसाद शर्मा, आचार्य मुकेश, शशिकांत शर्मा, राजेश कुमार, समीर सिंह, श्रीमती शांता सिंह, संतोष कुमार राय, सागर साहू, कृष्णा साहू, समीर रजक, सचिन साहू और लव निर्मलकर सहित बड़ी संख्या में समाज के पदाधिकारी और ग्रामीण उपस्थित रहे।

स्वामी सहजानंद सरस्वती: संक्षिप्त जीवन परिचय

स्वामी सहजानंद सरस्वती का जन्म 22 फरवरी 1889 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में हुआ था। उनका वास्तविक नाम नवरंग राय था। वे भारत में किसान आंदोलन के प्रणेता माने जाते हैं। उन्होंने अखिल भारतीय किसान सभा का गठन किया और किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया। वे “ओंकार” नामक हिंदी पत्रिका के प्रकाशक भी थे। उनका निधन 26 जून 1950 को हुआ। उनके जीवन में धर्म और कर्म का अद्भुत समन्वय देखने को मिलता है।

Ravi Shukla
Author: Ravi Shukla

Editor in chief

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