Explore

Search

July 13, 2025 12:47 am

R.O.NO.-13250/14

Advertisement Carousel

सेना की जमीन पर मुरुम खोदाई,पीडब्ल्यूडी सचिव से हाई कोर्ट ने मांगा जवाब


बिलासपुर। सेना की जमीन से मुरुम खोदने के मामले में हाईकोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई कर रहा है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट नहीं पेश हो सकी । हाई कोर्ट ने सचिव पीडब्ल्यूडी से रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
बिलासपुर में एयरपोर्ट से नजदीक ही सेना की जमीन से मुरम निकालकर बेच दी थी। मीडिया में प्रकाशित खबरों पर संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की गई। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने मामले पर सुनवाई के दौरान नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य सरकार और खनिज विभाग से जवाब मांगा था। चकरभाठा एयरपोर्ट के पास रक्षा मंत्रालय की जमीन से जो 50 लाख घन मीटर मुरूम अवैध रूप से निकाली गई है, उससे सरकार को रॉयल्टी में 25 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस मुरूम का उपयोग परसदा और आसपास की कॉलोनियों की सड़कों के निर्माण में किया गया है। मुरूम निकालने के मामले में यह बात सामने आई कि, शहर के 54 कॉलोनीयों के बिल्डरों भी इस मुरुम का इस्तेमाल कर रहे हैं।

इस पर हाई कोर्ट ने खनिज विभाग के सचिव को इस मामले जांच कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। मुरूम को कॉलोनियों और खोदने वाली जगह पर सीज कर जांच में मैकेनिज्म की जानकारी मांगी थी। चीफ जस्टिस की डीबी में शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने बताया कि, लोक निर्माण विभाग की जांच रिपोर्ट नहीं आ सकी है। इसके लिए कुछ समय देने का अनुरोध करने पर इसे स्वीकार कर कोर्ट ने दो सप्ताह का समय दिया है। अगली सुनवाई मार्च में होगी।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

CRIME NEWS

BILASPUR NEWS