बिकानेर।केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने आज बिकानेर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में बताया कि राजस्थान को केंद्रीय करों के हस्तांतरण में 85,716.48 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जो पिछले वित्त वर्ष (2024-25) की तुलना में 10.5% अधिक है। पिछले वर्ष यह राशि 77,547.76 करोड़ रुपये थी।
श्री साहू ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा राजस्थान को पूंजीगत व्यय हेतु विशेष सहायता दी जा रही है, जिसके तहत 50 वर्ष तक के लिए ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा। इस योजना के तहत राज्यों को बिना किसी अतिरिक्त वित्तीय बोझ के विकास कार्यों के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

बजट जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला
यह प्रेस वार्ता केंद्र सरकार द्वारा राजस्थान में आयोजित किए जा रहे बजट जागरूकता कार्यक्रमों का हिस्सा थी। 9 फरवरी से शुरू हुए ये कार्यक्रम 23 फरवरी 2025 तक चलेंगे। इनका उद्देश्य केंद्रीय बजट 2025-26 की प्रमुख घोषणाओं को आम जनता तक पहुंचाना और यह समझाना है कि यह बजट समाज के विभिन्न वर्गों के लिए कैसे फायदेमंद होगा।
केंद्र सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री और बीजेपी के प्रमुख नेता राजस्थान के विभिन्न शहरों—जयपुर, अजमेर, उदयपुर, जोधपुर, कोटा और बीकानेर—में इन कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। इनमें श्री मनसुख मंडाविया (केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री), श्री एस.पी. सिंह बघेल (मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री), श्री भागीरथ चौधरी (कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री), गोपाल कृष्ण अग्रवाल (बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता) और श्री दुष्यंत कुमार गौतम (बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव) शामिल हैं।

मध्यवर्ग के लिए बड़ी राहत: 12 लाख तक की आय पर शून्य कर
श्री साहू ने इस दौरान मध्यवर्ग के लिए मोदी सरकार द्वारा दी गई आयकर राहत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि अब 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय (1 लाख रुपये प्रति माह) पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा।
उन्होंने कहा, “यह मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला है, जो मध्यवर्ग के लिए एक विशेष तोहफा है। अब अधिकांश भारतीयों को इनकम टैक्स नहीं देना होगा, जिससे उन्हें अपनी मेहनत की कमाई का अधिक हिस्सा अपने पास रखने का अवसर मिलेगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस शासन में 12 लाख रुपये सालाना कमाने वाले व्यक्ति को करीब 2 लाख रुपये टैक्स देना पड़ता था, जबकि अब यह बोझ पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।

पत्रकार वार्ता के मुख्य बिंदु:
1. मध्यवर्ग को सशक्त करना:
टैक्स छूट सीमा बढ़ाकर ₹12 लाख कर दी गई।
वरिष्ठ नागरिकों की ब्याज आय पर कर कटौती की सीमा ₹1 लाख तक दोगुनी।
सस्ती आवास योजना के लिए ₹15,000 करोड़ का SWAMIH फंड 2।
2. कृषि और ग्रामीण विकास:
पीएम धन-धान्य कृषि योजना 100 जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए शुरू।
आत्मनिर्भरता मिशन (दलहन) शुरू किया गया।
किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख की गई।
3. शिक्षा और युवा विकास:
सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स।
IIT और मेडिकल सीटों में 75,000 की वृद्धि।
शिक्षा में R&D और AI के लिए ₹20,000 करोड़।
4. सामाजिक कल्याण और स्वास्थ्य:
गिग वर्कर्स के लिए पहचान पत्र और PM जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य लाभ।
ग्रामीण जल आपूर्ति के लिए जल जीवन मिशन का विस्तार।
हर जिले में डे-केयर कैंसर केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
5. आर्थिक वृद्धि और वित्तीय स्थिरता:
राजकोषीय घाटा 4.4% तक कम किया गया (पिछले वर्ष 4.8%)।
MSME और स्टार्टअप्स के लिए उन्नत वित्तीय सहायता।
राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन से घरेलू उत्पादन को बढ़ावा।
6. बुनियादी ढांचा और शहरी विकास:
राज्यों के पूंजीगत व्यय के लिए ₹1.5 लाख करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण।
दूसरी संपत्ति मुद्रीकरण योजना (₹10 लाख करोड़) की शुरुआत।
शहरों के विकास के लिए ₹1 लाख करोड़ का अर्बन चैलेंज फंड।
7. जलवायु और ऊर्जा सुधार:
₹20,000 करोड़ का परमाणु ऊर्जा मिशन छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के विकास के लिए।
नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण के लिए प्रोत्साहन।
8. वैश्विक व्यापार और निर्यात:

एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन और BharatTradeNet की स्थापना।
लॉजिस्टिक्स और एयर कार्गो इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा।
9. नियामकीय सुधार और शासन:
सरलीकरण के लिए उच्च-स्तरीय समिति का गठन।
Jan Vishwas Act 2.0 से व्यापारिक अपराधों के अपराधीकरण को हटाने की पहल।
बजट पर चर्चा के लिए बौद्धिक वर्ग से संवाद
श्री साहू ने एक “प्रबुद्ध जन सम्मेलन” में भाग लिया, जहां उन्होंने बुद्धिजीवियों, पेशेवरों और व्यापारिक नेताओं के साथ बजट के आर्थिक प्रभावों पर चर्चा की। इसके अलावा, “मिडिल इनकम ग्रुप कॉन्फ्रेंस” में भी उन्होंने भाग लिया, जहां मध्यवर्गीय परिवारों पर बजट के प्रभाव पर चर्चा हुई।
बीजेपी का जागरूकता अभियान
बीजेपी सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि राजस्थान के नागरिक केंद्रीय बजट के प्रावधानों को समझें और यह जानें कि इससे राज्य का विकास कैसे होगा। इसलिए, इस तरह के साक्षात्कार, सम्मेलन और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
यह बजट “विकसित भारत 2047” की नींव रखने का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें आर्थिक सुधार, समावेशिता और सतत विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief