बिलासपुर। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान जबलपुर एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के वैज्ञानिकों की संयुक्त टीम ने कृषि विज्ञान केन्द्र बिलासपुर द्वारा अंगीकृत तिलहन आदर्श ग्राम हिर्री का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने मूंगफली की उन्नत किस्म लीपाक्षी के प्रदर्शन कार्यक्रम का निरीक्षण किया तथा कृषकों से संवाद किया।
गौरतलब है कि कृषि विज्ञान केन्द्र बिलासपुर द्वारा ऑयलसीड मॉडल विलेज योजना के तहत 75 एकड़ क्षेत्रफल में मूंगफली की उन्नत खेती का प्रदर्शन किया जा रहा है। इसमें बीजोपचार, संतुलित पोषण प्रबंधन, कतार बोनी तथा कीट एवं व्याधि प्रबंधन जैसी आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया है। इस निरीक्षण दल में डॉ. हरीश एम.एन. (वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, अटारी, जबलपुर), डॉ. जे.आर. पटेल (वरिष्ठ प्राध्यापक) और डॉ. डी.पी. पटेल (वैज्ञानिक, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय) शामिल थे।

निरीक्षण के दौरान वैज्ञानिकों ने कृषकों से बातचीत कर उनकी समस्याओं और अनुभवों को समझा। उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिले में अधिकांश किसान सिंचित दशा में धान और गेहूं की खेती करते हैं, लेकिन कृषि विज्ञान केन्द्र, बिलासपुर की पहल पर अब मूंगफली की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। मूंगफली की फसल कम पानी में तैयार हो जाती है और यह धान-गेहूं की तुलना में अधिक लाभकारी साबित हो सकती है।

इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र, बिलासपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. अरुण त्रिपाठी, वैज्ञानिक डॉ. शिल्पा कौशिक, श्रीमती हेमकांति बंजारे और श्री जयंत साहू उपस्थित रहे। निरीक्षण दल ने खेतों का अवलोकन कर अच्छी फसल के लिए किसानों की सराहना की और उन्हें उन्नत कृषि तकनीकों को अपनाने हेतु प्रोत्साहित किया।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief