बिलासपुर। नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस के लचर प्रदर्शन के बीच मुंगेली नगर पालिका की जीत ने कांग्रेस को जरुरी राहत पहुंचाई है। मुंगेली नगर पालिका अध्यक्ष सहित 11 पार्षदों की जीत ने रणनीतिकारों से लेकर राजनीतिक पंडितों को भी चौंका दिया है।





नगर पालिका अध्यक्ष के लिये युवा और दो बार के पार्षद रोहित शुक्ला के साथ सबको साधकर पार्षदों के चयन में स्वतंत्र मिश्रा शहर कांग्रेस अध्यक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण रही । जिला कांग्रेस मुंगेली ,जिला संगठन प्रभारी आलोक सिंह तथा पालिका अध्यक्ष प्रत्याशी शुक्ला सहित सभी पार्षद प्रत्याशियों ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज से मिलकर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री अर्जुन तिवारी को चुनाव प्रभारी बनाने की मांग की थी। अर्जुन तिवारी को मुंगेली की जिम्मेदारी दी गई। भूपेश बघेल के प्रदेशाध्यक्ष के कार्यकाल में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव रहते वर्ष 2014 से 2019 तक मुंगेली जिला के संगठन प्रभारी के रूप में अर्जुन तिवारी ने संगठन को मजबूत करने बेहतर काम किया था। वे मुंगेली जिले के चप्पे चप्पे से वाक़िफ़ रहें है और यहाँ के भाजपाई दिग्गजों की कार्यशैली से भी परिचित रहे।




इसी का नतीजा था कि वर्ष 2015 में पालिका अध्यक्ष के प्रत्यक्ष चुनाव में कांग्रेस की शहर सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अर्जुन तिवारी ने सधे अंदाज़ में चुनावी रणनीति तैयार कर शहर के तमाम बड़े दिग्गज कांग्रेसी नेताओं को जातिगत समीकरण के आधार पर वार्डों की जिम्मेदारी देकर उनके प्रभाव का उपयोग किया। इस चुनावी व्यूह रचना में जिला संगठन प्रभारी आलोक सिंह, जिला कांग्रेस अध्यक्ष घनश्याम वर्मा, शहर अध्यक्ष स्वतंत्र मिश्रा बराबर साथ निभाते रहे।
6 माह पूर्व जिस मुंगेली शहर से केंद्रीय मंत्री तोखान साहू को 8500 की बढ़त मिली थी, बढ़त को ना केवल पाटने में कामयाब रहे साथ ही कांग्रेस की शहर सरकार बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बता दें कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव का गृह शहर मुंगेली है। 22 सदस्यीय नगर पालिका में 11 पार्षद कांग्रेस के हैं।


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