बिलासपुर। कांग्रेस की राजनीति में आने वाले दिनों में कुछ बड़ा होने वाला है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में ओहदा और वजन को कांग्रेस की राजनीति से ताल्लुक रखने वाले दिग्गजों ने करीब से देखा है। गांधी परिवार के बेहद करीबी और विश्वसनीय पूर्व सीएम व एआईसीसी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा की बात ही अलग है। उनका रुतबा और ओहदा कुछ ही अलग ही था। प्रदेश की राजनीति के परिप्रेक्ष्य में यह कहना जरुरी है कि पूर्व सीएम अजीत जोगी के बाद छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी नेताओं को राष्ट्रीय राजनीति में ना तो ओहदा मिला और ना ही खास तव्वजो। दशकों बाद एक बार फिर इस बात की चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने जा रही है। गांधी परिवार के करीबी बघेल की राष्ट्रीय राजनीति में उपयोगिता को लेकर कांग्रेस के भीतर और प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर चर्चा चल पड़ी है।

पूर्व सीएम भूपेश बघेल के अलावा जिन छह दिग्गज कांग्रेसी नेताओं की कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी की अटकलें लगाई जा रही है उनमें पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, एआईसीसी के पूर्व महासचिव बीके हरिप्रसाद, हरीश चौधरी,मीनाक्षी नटराजन,कृष्णा अलावरू व विजय वड़ेट्टीवार शामिल हैं ।इन नामों को लेकर कांग्रेस की दिल्ली गंभीर नजर आ रहा है। कांग्रेस की प्रांतीय राजनीति में इन दिग्गजों ने ना केवल नाम कमाया है वरन सत्ता और संगठन में भी बराबर की भागीदारी निभाई है।

दिल्ली का मानना है कि इनके सांगठनिक क्षमता का उपयोग अब राष्ट्रीय स्तर पर किया जाए। राष्ट्रीय राजनीति में इनकी कार्यक्षमता और सांगठनिक अनुभव का लाभ लिया जाए। देश के अलग-अलग राज्यों की राजनीति में अपनी महती भूमिका निभाने वाले दिग्गजों के राष्ट्रीय राजनीति मे पर्दापण को लेकर चर्चा छिड़ी हुई है।
जानिए इनके बारे में
हरीश चौधरी

(जन्म 13 मई 1970) पंजाब और चंडीगढ़ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस संगठन के प्रभारी एवं बाड़मेर जिले की बायतु विधानसभा क्षेत्र से राजस्थान विधान सभा के सदस्य हैं। 2018 से 2021 तक उन्होंने लगभग 3 वर्षों तक राजस्थान सरकार के राजस्व मंत्री के रूप में भी कार्य किया है। चौधरी ने 2009 में राजस्थान के बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीता था। टीम राहुल गांधी के सदस्य हरीश 2014 से 2019 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव रहे।
मीनाक्षी नटराजन

नटराजन का जन्म मध्य प्रदेश के उज्जैन के बिरलाग्राम नागदा में हुआ था। वह बायोकेमिस्ट्री में स्नातकोत्तर हैं और उनके पास कानून में स्नातक की डिग्री है। उन्होंने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से इंदौर मध्य प्रदेश में अपनी पढ़ाई पूरी की। रतलाम वह जगह थी जहाँ उन्होंने NSUI में शामिल होकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। 1999-2002 तक एनएसयूआई अध्यक्ष के रूप में काम किया। 2002-2005 तक मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया और 2008 में राहुल गांधी द्वारा उन्हें एआईसीसी सचिव के रूप में चुना गया।
2009 के भारतीय आम चुनाव में मंदसौर, मध्य प्रदेश से चुनाव लड़ने के लिए राहुल गांधी द्वारा चुना गया था , जिसमें उन्होंने अपने भाजपा प्रतिद्वंद्वी लक्ष्मीनारायण पांडे को हराकर 30,000 से अधिक मतों से जीत हासिल की थी, जो 1971 से जीत रहे थे।

कृष्णा अलावरु
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव व यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी
विजय वडेट्टीवार

विजय वडेट्टीवार ने 1980-81 में NSUI के माध्यम से छात्र आंदोलन में भाग लिया। हालांकि उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में कांग्रेस छात्र संघ से जुड़े रहे, लेकिन बाद में उन्होंने शिव सेना का झंडा उठा लिया। उन्होंने चंद्रपुर जिले में विभिन्न आंदोलनों का नेतृत्व किया। चंद्रपुर, गढ़चिरौली, नागपुर जिले में उनका प्रभाव बढ़ा। 1991 से 1993 तक वे गढ़चिरौली जिला परिषद के मनोनीत सदस्य बने। इसके बाद 1996 से 1998 के बीच राज्य में शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार के दौरान वडेट्टीवार को राज्य मंत्री के दर्जे के साथ महाराष्ट्र वन विकास निगम के अध्यक्ष का पद दिया गया। 1998 में वह शिव सेना से विधान परिषद के विधायक बने। फिर 2004 में उन्होंने पहली बार शिवसेना से विधानसभा चुनाव लड़ा। वह चंद्रपुर के चिमूर निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने। 2005 में पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने शिवसेना में बगावत कर दी थी। उस वक्त विजय वेडेट्टीवार नारायण राणे के साथ कांग्रेस में शामिल हुए थे।
बीके हरिप्रसाद

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव हैं। वे बैंगलोर दक्षिण में भाजपा के अनंतकुमार से लोकसभा चुनाव हार गए । [ 1 ] 1999 में, हरिप्रसाद ने कुमार के खिलाफ असफल चुनाव लड़ा।
चरणजीत सिंह चन्नी

पंजाबी राजनीतिज्ञ हैं और पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य हैं | वे 2007 से पंजाब विधान सभा के सदस्य हैं और दो बार खरार (Kharar) म्युनिसिपल काउंसिल के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.[2] वह दूसरे अमरिंदर सिंह मंत्रालय में तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण मंत्री और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता थे।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief