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July 1, 2025 3:14 pm

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जेएईएस (JAES) कंपनी में आईटी का सर्वे, लाखों के टैक्स चोरी का मामला आया सामने


रायपुर। इनकम टैक्स विभाग की टीम ने बुधवार को राजधानी रायपुर की जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज प्रोजेक्ट्स (आई) प्रा. लि. में सर्वे की कार्रवाई प्रारंभ की है। प्रारंभिक जांच में टैक्स चोरी का मामला सामने आया है। टैक्स चोरी के लिए कंपनी द्वारा बोगस बिलिंग करने और स्थापना खर्च को कागजों में बढ़-चढ़कर दिखाने का काम किया गया है। कंपनी के दो निदेशक अलग-अलग एक-एक दर्जन कंपनियों से सीधेतौर पर जुड़े हुए हैं। आईटी के राडार में ये कंपनियों भी है। विभाग का मानना है कि बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी के नेटवर्क का पता लगाने इन कंपनियों के दस्तावेजों की पड़ताल की जाएगी।

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आयकर विभाग की असेसमेंट विंग ने रायपुर के जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज प्रोजेक्ट्स (आई) प्राइवेट लिमिटेड (जेएईएस) के ठिकानों पर सर्वे कार्रवाई की। दस्तावेजों की जांच पड़ताल के दौरान बड़े पैमाने पर आयकर चोरी का मामला सामने आया है। आयरक विभाग की टीम ने बुधवार को राजधानी के पाश एरिया अवंति विहार सेक्टर टू स्थित ग्लोबल टावर की दूसरी मंजिल पर स्थित कंपनी के कार्यालय में सर्वे की कार्रवाई की। इस दौरान बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी का मामला सामने आया है। आईटी की टीम ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 133ए(1) के तहत दस्तावेजों की पड़ताल का काम शुरू किया है।
आईटी सर्वे की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सर्वे की कार्रवाई के दौरान 20 कर जांचकर्ताओं और छह सशस्त्र पुलिसकर्मियों की 26 सदस्यीय टीम तैनात रही। मुख्य आयकर आयुक्त (सीसीआईटी) अपर्णा करन और प्रधान आयकर आयुक्त (पीसीआईटी) प्रदीप हेडाउ की निगरानी में सर्वे की कार्रवाई की गई। इस दौरान फील्ड ऑपरेशन का नेतृत्व संयुक्त आयकर आयुक्त बीरेंद्र कुमार और उप आयकर आयुक्त राहुल मिश्रा ने किया।
लैपटाप,डेस्कटाप की बनाई जब्ती
सर्वे की कार्रवाई के दौरान कंपनी के अकाउंट्स डिपार्टमेंट से तीन डेस्कटॉप, चार लैपटॉप और कंपनी से जुड़े प्रमुख लोगों के पांच मोबाइल फोन की जब्ती बनाई। जब्त किए गए इलेक्ट्रानिक उपकरणों की साइबर फॉरेंसिक विशेषज्ञों की टीम क्लोनिंग कर रही है ताकि आईटी से जुड़े महत्वपूर्ण डेटा को रिस्टोर करने के साथ ही सुरक्षित किया जा सके। सर्वे के दौरान कंपनी के दो निदेशक जोगेंद्र सिंह और धर्मेंद्र सिंह की मौजूदगी रही। अफसरों ने इनके बयान रिकार्ड कर लिया है। तीसरे निदेशक अमरेंद्र सिंह कार्रवाई के दौरान मौके पर नहीं थे। लिहाजा उनका बयान रिकार्ड नहीं कर पाए हैं।

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फर्जी बिलिंग का मामला आया सामने
आईटी सर्वे के दौरान बोगस बिलिंग का मामला सामने आया है। कंपनी ने अपनी स्थापना लागत और खर्चों को अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया था। यह सब टैक्स से बचने के लिए फर्जी बिलिंग के तौर पर उपयोग किया जा रहा था। आश्चर्यजनक रूप से, कंपनी किराए की बिल्डिंग में संचालित होने के बावजूद असामान्य रूप से ऊंचे खर्च दर्शा रही थी। सर्वे से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि सर्वे के दौरान मिले दस्तावेजों से साफ है कि आय को कम दिखाने और खर्चों को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है। यह सब सुनियोजित तरीके से किया जा रहा था। बोगस बिलिंग के पीछे टैक्स चोरी का बड़ा मामला सामने आया है।


ये कंपनी भी आईटी के राडार में
जांच के दौरान इस बात का भी खुलासा हुआ है कि जोगेंद्र सिंह कई कंपनियों में बतौर डायरेक्टर जुड़े हैं
मां मड़वारानी कोल बेनेफिशिएशन प्राइवेट लिमिटेड, फेसिक फोर्जिंग प्राइवेट लिमिटेड, अरंश प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, किंग रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड, प्रगति ट्रांसमूवर्स प्राइवेट लिमिटेड, जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज (आई) प्राइवेट लिमिटेड, जय अंबे रोडलाइंस प्राइवेट लिमिटेड, यूनाइटेड इमरजेंसी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और जय अंबे एक्जिजेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इसी तरह, धर्मेंद्र सिंह अचकन्न क्लोदिंग प्राइवेट लिमिटेड, जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज (आई) प्राइवेट लिमिटेड, जय अंबे रोडलाइंस प्राइवेट लिमिटेड, डिलिजेंस ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, यूनाइटेड इमरजेंसी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, जय अंबे एक्जिजेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और डिलिजेंस हेल्पिंगहैंड फाउंडेशन से जुड़े हुए हैं। ये सभी कंपनियां आईटी के राडार पर हैं। इन सभी कंपनियों के दस्तावेजों की जांच की जाएगी। इन कंपनियों के जांच के जरिए टैक्स चोरी का पता लगेगा साथ ही संभावित नेटवर्क की भी जानकारी मिलेगी।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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