बीजापुर। पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज, पुलिस महानिरीक्षक रायपुर, उप पुलिस महानिरीक्षक दंतेवाड़ा रेंज, उप पुलिस महानिरीक्षक केरिपु ऑप्स बीजापुर सेक्टर के मार्ग दर्शन व पुलिस अधीक्षक बीजापुर के निर्देशन में जिले में चलाये जा रहे माओवादी उन्मूलन अभियान के तहत डीआरजी, बस्तर फाइटर, एसटीएफ, कोबरा व केरिपु बल के द्वारा किये जा रहे संयुक्त प्रयासों से तथा छग शासन की पुनर्वास एवं आत्मसर्पण नीति साथ ही छग शासन द्वारा चलाये जा रहे “नियद नेल्ला नार” योजना से प्रभावित होकर AOB क्षेत्र एवं दक्षिण बस्तर डिवीजन, पामेड़ एरिया कमेटी अन्तर्गत पार्टी सदस्य, पीएलजीए सदस्य, सीएनएम, डीएकेएमएस, कुटीर शाखा, कृषि शाखा के अध्यक्ष/सदस्य कुल 10 नक्सलियों 31 जनवरी 25 को पुलिस उप महानिरीक्षक केरिपु बीजापुर देवेन्द्र सिंह नेगी , पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ जितेन्द्र कुमार यादव, कमांडेंट 204 कोबरा संतोष कुमार मल्ल, कमांडेंट 206 बटालियन कोबरा पुष्पेन्द्र कुमार (पीएमजी), अतिपुलिस अधीक्षक नक्सल अभियान मयंक गुर्जर, अतिपुलिस अधीक्षक युलैण्डन यार्क, उप पुलिस अधीक्षक डीआरजी विनीत साहू के समक्ष आत्मसमर्पण किया।

ये हैं आत्मसमर्पित नक्सली
अर्जुन मड़कम ऊर्फ अर्जुन गेन्ने एरिया कमेटी पार्टी सदस्य, ईनाम राशि 2.00 लाख रूपये, हड़मा ताती ऊर्फ मोरली सीएनएम अध्यक्ष ईनाम राशि 1.00 लाख रूपये, हुंगा माड़वी ऊर्फ पेददा डीएकेएमएस अध्यक्ष, ईनाम राशि 1.00 लाख रूपये,भीमा माड़वी ऊर्फ नन्दू भीमा एर्रापल्ली आरपीसी अध्यक्ष ईनाम राशि 1.00 लाख, नन्दा मड़कम ऊर्फ कायर नन्दा आरपीसी अध्यक्ष ईनाम राशि 1.00 लाख रूपये,
भीमा हेमला ऊर्फ मासा एलजीएस सदस्य ,भीमा मड़कम ऊर्फ मिन्ना एर्रापल्ली आरपीसी सदस्य, जोगा हेमला ऊर्फ बक्कू जोगा पालागुड़ा आरपीसी सदस्य, हड़मा रव्वा ऊर्फ गोमा बिटटो सीएनएन सदस्य, दुला माड़वी ऊर्फ बोडडा पालागुड़ा आरपीसी सदस्य हैं। इन नक्सलियों पर गड्ढा खोदने, मार्ग अवरूद्ध, स्पाइक लगाने, ग्रामीण की हत्या व आइईडी लगाने जैसे घटनाओं में शामिल रहे।
छग शासन की पुनर्वास नीति के व्यापक प्रचार-प्रसार, पुनर्वास योजना के तहत लाभ व परिवार के साथ खुशहाल जीवन जीने की सोच लिये समाज के भटके नक्सलियों ने संगठन में उनके कार्यो की उपेक्षा करने, भेदभाव पूर्ण व्यवहार एवं नक्सलियों के द्वारा आदिवासियों पर किये जा रहे अत्याचार से त्रस्त होकर, छग शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीतियों से प्रभावित होकर भारत के संविधान पर विश्वास रखते हुए उक्त नक्सलियों द्वारा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया गया। आत्मसमर्पण करने पर इन्हें उत्साहवर्धन हेतु शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत् 25000-25000/- रूपये (पच्चीस हजार रूपये) नगद प्रोत्साहन राशि गई।

प्रधान संपादक

