बिलासपुर। जूना बिलासपुर स्थित 1125 वर्गफीट जमीन के फर्जी दस्तावेज जमा कर छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक, तिफरा से 30 लाख रुपये का लोन लेने का मामला सामने आया है। किश्त नहीं चुकाने पर बैंक ने जांच कराई, जिसमें फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। शिकायत के आधार पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक, तिफरा की पूर्व ब्रांच मैनेजर दीपिका गुप्ता ने पुलिस को बताया कि 2021 से 2024 के बीच उनके कार्यकाल में कश्यप कॉलोनी निवासी राशि सोनी और उनके पति मुरारी लाल सोनी ने जमीन खरीदने और भवन निर्माण के लिए लोन आवेदन किया था। उन्होंने कश्यप कॉलोनी के सुरेश कुमार से 22.55 लाख रुपये में जमीन खरीदने का इकरारनामा बैंक में जमा किया। दस्तावेज के आधार पर बैंक ने लोन मंजूर कर 22.55 लाख रुपये सुरेश कुमार के खाते में ट्रांसफर कर दिए।
इसके बाद राशि सोनी और उनके पति ने जमीन की रजिस्ट्री के दस्तावेज बैंक को सौंपे, लेकिन नामांतरण नहीं कराया। जब किश्त जमा नहीं हुई, तो बैंक ने जांच कराई, जिसमें फर्जीवाड़ा सामने आया। बैंक को पता चला कि दस्तावेज नकली थे और लोन की राशि ठगी के जरिए हासिल की गई।
सुरेश कुमार लापता, मोबाइल भी बंद
गड़बड़ी का पता चलते ही बैंक ने सुरेश कुमार से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वह गायब हो चुका है। बैंक खाते में दिए गए उसके मोबाइल नंबर भी बंद आ रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए बैंक प्रबंधन ने सिरगिट्टी थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने राशि सोनी, मुरारी लाल सोनी और सुरेश कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अब लोन लेने वाले दंपति और जमीन बेचने वाले सुरेश कुमार की तलाश कर रही है। बैंक अधिकारियों का कहना है कि आरोपी साजिश के तहत फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोन मंजूर करवाने में सफल हुए। पुलिस ने संबंधित दस्तावेज जब्त कर जांच शुरू कर दी है।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief