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March 12, 2025 10:29 pm

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शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण, हाई कोर्ट ने जांच व कार्रवाई के दिए आदेश

हाई कोर्ट ने राजनांदगांव कलेक्टर, एसडीओ और तहसीलदार को दिए जरूरी निर्देश

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राजनांदगांव जिले के कलेक्टर, डोंगरगढ़ के एसडीओ और तहसीलदार को शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण और गली पर किए गए कब्जे के मामले में जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। यह आदेश हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु ने राजेंद्र मिश्रा की याचिका पर सुनवाई के दौरान जारी किया।
याचिकाकर्ता राजेंद्र मिश्रा ने अपने अधिवक्ता अब्दुल वहाब खान के माध्यम से याचिका दायर कर बताया कि उनके पिता ने 29 मार्च 2001 को मकान और भूमि खरीदी थी, जिसके बाद से उनका परिवार डोंगरगढ़ के वार्ड नंबर 21 में निवास कर रहा है। उनके मकान से सटी शासकीय भूमि पर एक गली थी, जिसका उपयोग याचिकाकर्ता और उनके परिवार द्वारा आवागमन के लिए किया जाता था।
हालांकि, उस शासकीय भूमि पर बांग्लादेशी शरणार्थी हरे कृष्णा देवनाथ और उनके भाई विनय देवनाथ ने अतिक्रमण कर गली को बंद कर दिया। याचिकाकर्ता का आरोप है कि उन्होंने इस मामले को लेकर कई बार एसडीओ, तहसीलदार और कलेक्टर से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिकाकर्ता ने बताया कि हरे कृष्णा देवनाथ ने अपने भाई विनय देवनाथ को भिलाई से बुलाकर वहीं बसाया और गली के लिए आरक्षित शासकीय भूमि पर अवैध निर्माण और कब्जा कर लिया। जब याचिकाकर्ता ने इस पर आपत्ति की तो उन्हें धमकियां भी दी गईं।

अधिकारियों की निष्क्रियता पर जताई नाराजगी-
शिकायतों के बावजूद राजस्व अधिकारियों द्वारा कब्जाधारियों को बेदखल करने और गली को खाली कराने की कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि सार्वजनिक उपयोग के लिए आरक्षित शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राजनांदगांव के कलेक्टर, डोंगरगढ़ के तहसीलदार और एसडीओ को निर्देश दिया है कि वे याचिकाकर्ता की शिकायतों के आधार पर पूरे मामले की जांच करें। यदि जांच में उत्तरवादी विनय देवनाथ या अन्य किसी व्यक्ति द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण या अवैध निर्माण पाया जाता है, तो उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।

निष्पक्ष जांच कर करें दोषियों पर कार्रवाई-
हाईकोर्ट ने यह सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं कि सार्वजनिक उपयोग के लिए आरक्षित शासकीय भूमि पर से अवैध कब्जे हटाए जाएं। साथ ही, याचिकाकर्ता को गली का उपयोग करने का अधिकार बहाल किया जाए। इस मामले में अधिकारियों को निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

Ravi Shukla
Author: Ravi Shukla

Editor in chief

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