बिलासपुर. ध्वनि प्रदूषण को लेकर चल्र रही तमाम जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि , कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहत शासन की बनाई गई समिति ही सब जांच कर निर्णय लेगी. अगली सुनवाई फरवरी के दूसरे सप्ताह में निर्धारित की गई है.
नागरिक संघर्ष समिति रायपुर और कई अन्य नागरिकों ने आम त्योहारों और शादी समारोहों में तेज आवाज के साथ बजाए जाने वाले डीजे को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका पेश की थी. इस कानफोडू शोर के कारण एक छोटे बच्चे की मौत होने की खबर को भी हाईकोर्ट ने संज्ञान में लिया था. इसके बाद से यहाँ जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डीविजन बेंच में पहले हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि आदेश पालन नहीं हो रहा है* नियमों का, आदेशों का शब्दशः पालन करायें* डीजे द्वारा देर रात तक किये जा रहे ध्वनि प्रदूषण पर कोर्ट ने कहा कि, आम आदमी करेगा क्या? ऐसा लगता है लॉ एंड ऑर्डर रह ही नहीं गया है. कोर्ट ने कहा कि डीजे बजाने पर जो प्रतिबंध लगाया गया है उसके नियमों का पालन नहीं हो रहा है और अभी भी डीजे बजाने की घटनाएं हो रही हैं. प्रशासन ध्वनि प्रदूषण के नियमों का पालन नहीं करा रहा है. कोर्ट ने सभी जिला कलेक्टरो को आदेशित किया था कि ध्वनि प्रदूषण पर कोर्ट के आदेशों और नियमों का शब्द: और भावना अनुरुप पालन करें और अगर नहीं करेंगे तो हम मानेगें कि, जिला कलेक्टर ही इसका पालन नहीं करना चाहते* आदेश की प्रति सभी जिला कलेक्टर को भेजने के आदेश भी दिए गए थे।

रायपुर की सिंगापुर सिटी के बाजू में रहने वाले अमित मल ने हस्तक्षेप याचिका दायर कर कोर्ट को बताया था कि सिंगापुर सिटी के मरीना क्लब में डांडिया खेलने के दौरान बहुत ध्वनि प्रदूषण की पुलिस को शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई* इसी तरह कई अन्य लोगों ने भी हस्तक्षेप याचिका लगाईं है .

Author: Ravi Shukla
Editor in chief