बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने नागरिक आपूर्ति निगम के विशेष सचिव और मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज कुमार सोनी की जमानत याचिका को खारिज कर दी है। राइस मिलर्स से धान की कस्टम मिलिंग में लेवी वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग केस में 1995 बैच के आईटीएस अधिकारी मनोज कुमार सोनी को गिरफ्तार किया गया था।
जुलाई 2023 में आयकर विभाग ने उनके निवास में छापा मारकर एक लाख 5 हजार रुपए नगद,तीन सोने के सिक्के,सवा लाख रुपए से अधिक के सोने का आभूषण जप्त किया था। जांच के बाद ईडी के अलावा ईओडब्ल्यू के द्वारा एफआईआर दर्ज कर उन्हें 30 अप्रैल 2024 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
मनोज कुमार सोनी ने जमानत याचिका लगा कर अपने स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देकर उसकी मांग की थी। राज्य सरकार की तरफ से जमानत विरोध करते हुए बताया गया की जमानत आवेदन में बीमारी किस प्रकृति की है यह जानकारी नहीं दी गई है। इसके साथ ही दस्तावेजों और सबूतों के आधार पर उन्हें पूरे नान घोटाले का मुख्य षड्यंत्रकर्ता बताया गया। सरकारी वकीलों ने कहा कि कस्टम मिलिंग के नाम पर लेव्ही वसूली के रूप में आय से अधिक कमाई की गई। और इस आय को छुपाने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का सहारा लिया गया। कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर कृत्य को देखते हुए धारा 45(1) के विशेष प्रावधानों के आधार पर आरोपित को जमानत देना उचित न पाते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी।
Author: Ravi Shukla
Editor in chief