बिलासपुर। NRDA के अलाटमेंट कमेटी की अनुशंसा पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए एफआईआर करने का निर्देश दिया। हाई कोर्ट ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई कि शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने सीईओ को निर्देश देने के बावजूद मातहत अधिकारी से शपथ पत्र दिलाया और उसमें भी कोर्ट को गलत जानकारी दी। गलत जानकारी देने और कोर्ट को गुमराह करने के आरोप में हाई कोर्ट ने असिस्टेंट मैनेजर से पूछा कि क्यों ना उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
एनआरडीए में जमीन आवंटन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान एनआरडीए के सीईओ व आईएएस सौरव कुमार को कोर्ट के सवालों का सामना करना पड़ा। कोर्ट ने जब पूछा कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी शपथ पत्र क्यों पेश नहीं किया। आदेश के बाद जमीन का आवंटन किस आधार पर किसके कहने पर कर दिया है। कोर्ट के इस सवाल के लिए सौरव कुमार तैयार नहीं थे। लिहाजा वे बोल गए कि उस वक्त वे एनआरडीए में पदस्थ नहीं थे। सीईओ ने यह भी कह दिया कि कोर्ट के पिछले आर्डर को वे समझ नहीं पाए। जैसे ही आईएएस ने यह जवाब दिया कोर्ट जमकर नाराज हुआ। कोर्ट ने कहा कि हम आदेश में ऐसे ही लिखा देते हैं कि एनआरडीए के सीईओ व एक आईएएस को हाई कोर्ट के आदेश की समझ नहीं है या फिर वे आदेश को समझ नहीं पा रहे हैं।

जैसे ही कोर्ट ने यह कहा आईएएस सौरव कुमार माफी मांगने लगे और कहने लगे कि सॉरी सर मैंने गलत शब्द का इस्तेमाल कर दिया। कोर्ट ने हलफनामा पेश करने वाली असिस्टेंट मैनेजर को तलब किया। हलफनामा में उनके द्वारा दिए गए जवाब को पढ़वाया और पूछा कि आखिर इस तरह की गलत जानकारी कोर्ट को क्यों दी जा रही है। कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश किसलिए की जा रही है।
याचिका लंबित रहने के दौरान कर दिया जमीन का आवंटन
27-9-21 को कमेटी की अनुशंसा पर न्यू टैक ग्रुप को भूखंड का आवंटन किया गया है। जमीन का आवंटन कोर्ट में विचाराधीन याचिका पर अंतिम निर्णय आने से पहले ही वर्ष 23 में कर दिया गया था।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief