बिलासपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने जैसे ही ईवीएम को लेकर राजनीतिक स्टैंड लिया,पलक झपकते ही प्रदेश कांग्रेस की राजनीति उसी मोड में आते दिखाई दी। पीसीसी चेयरमैन के प्रेस कांफ्रेंस के कुछ ही घंटों बाद प्रदेश की अलग-अलग जिला व शहर कांग्रेस कमेटी स्थानीय निर्वाचन कार्यालय पहुंचकर ईवीएम के जरिए कराए जाने वाले निकाय चुनाव को लेकर आपत्ति दर्ज कराना शुरू कर दिया है।इसी कड़ी में शुक्रवार को बिलासपुर शहर व जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियाें ने स्थानीय निर्वाचन कायार्लय पहुंचकर अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है। विराेध के साथ ही अपनी आपत्ति भी दर्ज करा दी है। ईवीएम को लेकर एक बार फिर प्रदेश की राजनीति गरमाने लगी है। पीसीसी चेयरमैन ने जैसे ही ईवीएम के जरिए निकाय चुनाव कराने के राज्य सरकार के फैसले को लेकर आपत्ति दर्ज कराई और सरकार को घेरा उसी वक्त यह तय हो गया था कि प्रदेश कांग्रेस इसे मुद्दा बनाकर शहरी मतदाताओं के बीच जाना चाहती है। ईवीएम को मुद्दा बनाने के साथ ही अपना विकल्प भी खुले रखना चाहती है। जाहिर है शहर सरकार की सत्ता से कांग्रेस बेदखल हुई तो दोष ईवीएम पर ही जाएगा। राजनीतिक विकल्प खुला रखने के पीछे के कारणों को लेकर अब विपक्षी दल में ही अटकलबाजी का दौर चल रहा है। बहरहाल पीसीसी चेयरमैन ने जैसे ही सरकार को घेरा देखते ही देखते ईवीएम मुद्दा बन गया। प्रदेशभर की जिला व शहर कांग्रेस कमेटी ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। शहर कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी स्थानीय निर्वाचन कार्यालय पहुंचकर आपत्ति दर्ज कराई और कहा कि ईवीएम में जो त्रुटि दिख रही है उसे दूर करें। यदि संभव नहीं है तो मतपत्र के माध्यम से चुनाव कराया जाए।




कांग्रेस ने इस पर जताई आशंका




17 जनवरी को निर्वाचन ने ईवीएम की भौतिक सत्यापन के लिए सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया था ,तब पता चला कि एक बैलेट यूनिट से महापौर और पार्षदों के चुनाव कराने की बात सामने आई। इसको लेकर ,शहर ज़िला कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई और कहा कि महापौर के लिए अलग बैलेट यूनिट और पार्षदों के लिए अलग बैलेट यूनिट से चुनाव कराया जाए। एक बैलेट यूनिट से चुनाव होने पर मतदाता भ्रमित हो सकते है ,साथ ही वोटिंग करते समय भी त्रुटि होने की संभावना है, क्योंकि बुजुर्ग मतदाताओं को एक बैलेट यूनिट से परेशानी हो सकती है ।
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय पांडेय का कहना है कि चुनाव आयोग ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने का निर्णय लिया था ,और प्रथम स्तर की ट्रेनिंग भी दी जा चुकी थी ,पर ऐसी क्या बात हो गई कि अपने ही निर्णय को बदलने की जरूरत पड़ी। ईवीएम से चुनाव कराने से मशीन में भी कई प्रकार की कमियां नजर आ रही है, चुनाव की विश्वसनीयता बनी रहे इसलिए ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराया जाए।
क्योकि इस बार ईवीएम के साथ वीवीपेट न लगना सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। बिना वीवीपेट के ईवीएम से चुनाव स्वीकार्य योग्य नहीं है।


प्रधान संपादक