प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय गुरु घासीदास विवि. दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी का माता कौशल्या की धरा, प्रभु श्री राम के ननिहाल और माँ महामाया के पावन अंचल में हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है…
• आज इस अवसर पर उपस्थित छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल श्री रमेन डेका जी, श्री अतुल भाई कोठारी जी, प्रोफेसर टी.जी. सीताराम जी, गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर श्री आलोक कुमार चक्रवाल जी, कार्य परिषद और अकादमिक परिषद के सदस्यगण, विश्वविद्यालय अंतर्गत विभिन्न अध्ययन शालाओं के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षकगण, मौजूद सम्मानीय अतिथिगण, विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. ए.एस. रणदिवे जी एवं आज उपाधि लेने पहुँचे प्रिय छात्र-छात्राओं और उनके गर्वित परिजनों…

• सबसे पहले आप सभी को नववर्ष और मकर संक्राति की शुभकामनाएँ यह मेरे लिए गर्व और खुशी का विषय है कि मैं आज माननीय उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ जी और राज्यपाल श्री डेका जी की मौजूदगी के बीच, इस ऐतिहासिक अवसर पर आप सभी के बीच उपस्थित हूँ।
• दीक्षांत समारोह छात्र-छात्राओं के लिए केवल एक औपचारिकता नहीं है। यह एक ऐसा अवसर है जो बदलाव, आत्ममंथन और प्रेरणा का प्रतीक है।
• आज जब हम गुरु घासीदास विश्वविद्यालय से स्नातक छात्रों की उपलब्धियों का उत्सव मना रहे हैं।
• ऐसे अवसर पर हम इस संस्थान के उन शिक्षकों, कर्मचारियों और नेतृत्व का भी सम्मान करते हैं जिन्होंने इन छात्रों के सपनों को साकार करने में अपना योगदान दिया है।
• हमारे लिए गर्व का अवसर और भी बढ़ जाता है कि छत्तीसगढ़ का इकलौता केन्द्रीय विश्वविद्यालय महान संत बाबा गुरु घासीदास जी के नाम पर स्थापित है। जो ज्ञान, समावेशिता और सांस्कृतिक गर्व का प्रतीक है।
• अपनी स्थापना के समय के ही इस विश्वविद्यालय ने छत्तीसगढ़ की बौद्धिक प्रगति को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
• इसकी प्रतिष्ठा केवल हमारे राज्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फैली है।
• हमारा भारत विश्व गुरु के रूप में विख्यात रहा है, इसके पीछे नालंदा और तक्षशिला जैसे ज्ञान-विज्ञान से समृद्ध विश्वविद्यालय रहे हैं।
• हम जानते हैं शिक्षा समाज की प्रगति का आधार है और गुरु घासीदास विश्वविद्यालय ने बार-बार यह साबित किया है कि शिक्षा कैसे परिवर्तन का साधन बन सकती है।

• इस विश्वविद्यालय ने केवल शैक्षणिक उपलब्धियाँ हासिल नहीं की हैं बल्कि एक ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया है कि किस तरह से एक शिक्षण संस्थान समाज की जरूरतों को पूरा कर सकता है।
• स्वाभिमान थाली योजना, सारथी योजना, सुदामा योजना, श्रवण हेल्पलाइन और हेल्दी यूनिवर्सिटी मूवमेंट जैसे अभिनव प्रयास यहाँ हुए।
• विश्वविद्यालय ने नवाचारों के जरिए यह सुनिश्चित किया है कि हर छात्र को न केवल शिक्षा मिले बल्कि एक बेहतर जीवन जीने का मौका भी मिले।
• समानता, सशक्तीकरण और स्थिरता पर आधारित ये सभी प्रयास छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा के साथ गहराई से जुड़े हैं।
• गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने शिक्षा को आधुनिक युग की चुनौतियों और अवसरों के साथ जोड़ते हुए एक नयी पहचान बनाई है।
• आपकी उपलब्धियाँ यह दिखाती हैं कि छत्तीसगढ़ के हृदय में स्थित एक विश्वविद्यालय कैसे ज्ञान और नवाचार का वैश्विक केंद्र बन सकता है।
• बरसों से हमारी शिक्षा अंग्रेजी साम्राज्यवादी मानसिकता से प्रभावित रही। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय शिक्षा प्रणाली के आदर्शों के अनुरूप तथा आधुनिक समय की जरूरत के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार कराई।
• हमने छत्तीसगढ़ में इसे स्कूली शिक्षा तथा उच्च शिक्षा में अपनाया है। निश्चित ही इससे न केवल ज्ञान विज्ञान को बढ़ावा मिलेगा अपितु रोजगार की भी नई संभावनाएँ पैदा होगी।
• रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए हमने नई औद्योगिक नीति भी तैयार की है। इसमें छत्तीसगढ़ में निवेश के अवसरों को बढ़ाने के लिए उद्यमियों को अनेक रियायतें प्रदान की हैं, जिससे प्रदेश में अगले 5 साल में ढाई लाख करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है और 5 लाख नए रोजगारों का सृजन होगा।
• आईटी सेक्टर में अवसरों को देखते हुए हमारी सरकार विशेष प्रयास कर रही है। हम नवा रायपुर को आईटी हब के रूप में स्थापित करने जा रहे हैं। जहाँ बड़ी आईटी कंपनियाँ तेजी से अपने यूनिट आरंभ कर रही हैं।
• बौद्धिक रूप से संपन्न छत्तीसगढ़ के युवाओं को यूपीएससी जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं में बेहतर अवसर उपलब्ध कराने हमने दिल्ली के द्वारका में संचालित ट्राइबल यूथ हॉस्टल में सीटों की संख्या को 50 से बढ़ाकर 185 कर दिया है।
• हमारी सरकार ने पीएससी में पारदर्शिता, शुचिता और निष्पक्षता लाने कदम उठाए। हमने युवाओं का भरोसा सिस्टम में लौटाया।
• वर्ष 2047 में जब देश की आजादी के 100 साल पूरे होंगे। इस अवसर के अनुरूप प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने विकसित भारत का लक्ष्य रखा है।
• विकसित भारत के अनुरूप विकसित छत्तीसगढ़ का विजन भी हमने तैयार किया है और इसे हासिल करने में आप सभी युवाओं की अहम भागीदारी होगी।
• मैं कहना चाहूँगा कि आप केवल नौकरी खोजने तक सीमित न रहें। नवाचार करें और दूसरों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करें। आप बेहतर भविष्य के निर्माण में योगदान दें।
• इसके साथ ही यह भी कहना चाहूँगा कि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में दुनिया आपको चाहे कितनी भी दूर ले जाए, आप विनम्रता, सहानुभूति और दृढ़ता के मूल्यों को हमेशा याद रखें।
• आप केवल छत्तीसगढ़ का ही नहीं बल्कि भारत जैसे महान राष्ट्र का भविष्य हैं। आपकी क्षमताएँ रचनात्मकता और प्रतिबद्धता भारत की प्रगति को आकार देगी।
• छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में मैं यह आश्वासन देता हूँ कि हमारी सरकार ऐसी संस्थाओं का समर्थन और सहयोग करती रहेगी, जो सकारात्मक बदलाव ला रही हैं।
• यहाँ उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्रों को मेरी हार्दिक बधाई।
• पुन: गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के शिक्षकों और नेतृत्व को धन्यवाद, जिन्होंने युवा मस्तिष्क को आकार देने और इस संस्थान को हमारे गर्व का प्रतीक बनाने के लिए अपना अमूल्य योगदान दिया।
प्रधान संपादक





