बिलासपुर। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) के भव्य एवं गरिमामयी एकादश दीक्षांत समारोह का रिहर्सल रजत जयंती सभागार में आयोजित किया गया।
भारत गणराज्य के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के प्रवास के दौरान की जाने वाली व्यवस्थाओं का पूर्वाभ्यास निर्धारित समयावधि को दृष्टिगत रखते हुए सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया। मुख्य अतिथि सहित अन्य गणमान्य अतिथियों के साथ काफिला आयोजन स्थल पर निर्धारित समय पर पहुंचा तथा उपराष्ट्रपति की अगवानी समस्त अतिथियों के साथ कुलपति आलोक कुमार चक्रवाल ने की। इस अवसर पर कुलपति ने रजत जयंती सभागार के नवीन द्वार का उद्घाटन किया।

सर्वप्रथम मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण किया। आयोजन स्थल पर पहले कार्यपरिषद एवं विद्यापरिषद सदस्यों के साथ, तदुपरांत विद्यार्थियों के साथ अतिथियों का ग्रुप फोटोग्राफ खींचा गया। इसके लिए विश्वविद्यालय में दोनों समूहों के बैठने की व्यवस्था रजत जयंती सभागार के बाहर की गई थी। तदुपरांत ग्यारहवें दीक्षांत समारोह की शोभायात्रा हॉल क्रमांक 1 से मंच की ओर प्रस्थान की, जिसमें क्रमानुसार सर्वप्रथम कुलसचिव, विद्यापरिषद के सदस्य, कार्य परिषद के सदस्य, विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, कुलपति, अतिथिगण एवं उपराष्ट्रपति महोदय थे। शोभायात्रा के दौरान वेद की ऋचाओं का स्वस्ति वाचन किया गया।

कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलन तथा मां सरस्वती, छत्तीसगढ़ महतारी एवं बाबा गुरु घासीदास जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के तरंग बैंड ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी। माननीय कुलपति महोदय ने समस्त मंचस्थ अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया एवं स्मृति चिह्न भेंट किया। इस पावन अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की भूमिका डॉ. घनश्याम दुबे, उपराष्ट्रपति की धर्मपत्नी की भूमिका डॉ. बॉबी पाण्डेय, छतीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका की भूमिका प्रोफेसर विशन सिंह राठौड़ एवं छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की भूमिका डॉ. एस. श्वेता, श्री अतुल भाई कोठारी, राष्ट्रीय सचिव शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली की भूमिका डॉ. गणेश शुक्ला एवं प्रो. टी.जी.सीताराम, अध्यक्ष, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्,नई दिल्ली की भूमिका श्री अखिलेश कुमार तिवारी ने निभाई।

विश्वविद्यालय के कुलपति ने ग्यारहवें दीक्षांत समारोह प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान की। उसके उपरांत विश्वविद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय अकादमिक, शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार कर रहा है। उन्होंने अतिथि के रूप में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की उपस्थिति पर गौरव और हर्ष व्यक्त किया।

एलईडी स्क्रीन पर देखा लाइव प्रसारण
मंच के पिछले हिस्से में विशाल एलईडी स्क्रीन स्थापित की गई थी, जिस पर संपूर्ण समारोह लाइव प्रसारित किया गया। साथ ही पदक एवं उपाधि धारकों के नाम, विषय, तस्वीर तथा प्राप्त होने वाले पदक अथवा उपाधि की पूर्ण जानकारी क्रमानुसार उनके मंच पर पहुंचने के साथ प्रदर्शित की गई।
कार्यक्रम का संचालन दीक्षांत समारोह आयोजन समिति के समन्वयक प्रो.मनीष श्रीवास्तव एवं सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रिंसी मतलानी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. ए. एस. रणदिवे ने किया। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रगान के उपरांत दीक्षांत समारोह शोभा यात्रा आयोजन स्थल से हॉल क्रमांक 1 पर वापस हुई।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief