बिलासपुर। बढ़ते अपराधों का मुख्य कारण नशा बनता जा रहा है। हत्या और हत्या के प्रयास जैसे मामलों में बढ़ोतरी के पीछे नशे की बड़ी भूमिका है। इन घटनाओं की रोकथाम के लिए पुलिस नशे के अवैध कारोबार पर सख्त कार्रवाई कर रही है। नशीली दवाओं से अर्जित संपत्ति जब्त करने और पूरे गैंग को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। यह बात रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) डॉ. संजीव शुक्ला ने बुधवार को पुलिस लाइन स्थित चेतना हॉल में साल भर की उपलब्धियों को साझा करते हुए कही।
आइजी ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में हत्या, हत्या के प्रयास और दुष्कर्म के मामलों में वृद्धि हुई है। इन अपराधों में शामिल लोग या तो नशेड़ी थे या अपराध के समय नशे में थे। नशे के अवैध कारोबार पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने 300 से अधिक मामलों में नशीले पदार्थ जब्त किए हैं। इसके साथ ही नशे के सप्लायर्स और उनकी जड़ों तक पहुंचने का काम किया जा रहा है। उनकी संपत्ति जब्त कर आर्थिक रूप से भी प्रहार किया जा रहा है।
टैटू के सहारे पकड़ाया अंतरराज्यीय चोर गैंग
आइजी ने बताया कि सीपत में ज्वेलरी की दुकान में हुई चोरी के मामले में पुलिस ने अनूठे ढंग से अपराधियों को पकड़ा। एएसपी अनुज कुमार की टीम ने रेलवे स्टेशन पर एक संदिग्ध के टैटू की मदद से अंतरराज्यीय चोर गैंग का पर्दाफाश किया। पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की गई।
आइजी ने तय की प्राथमिकताएं
1. नशे पर लगाम: नशे के अवैध कारोबार पर सख्त कार्रवाई के साथ जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। इसमें स्वयंसेवी संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा।
2. साइबर अपराध नियंत्रण: साइबर अपराध से हो रहे आर्थिक नुकसान को रोकने के लिए हर थाने में प्रशिक्षित जवान तैनात होंगे।
3. सड़क हादसों में कमी: सड़क सुरक्षा के लिए इंजीनियरिंग सुधार और जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
4. सामुदायिक पुलिसिंग: जनता और पुलिस के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
आइजी डॉ. संजीव शुक्ला ने कहा कि पुलिस अपराधों को रोकने के साथ ही जागरूकता फैलाने पर भी विशेष जोर दे रही है। इससे समाज में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सकेगा।
Author: Ravi Shukla
Editor in chief