कांटे भी फूल बन जाएंगे,निष्कपट होकर आगे बढ़ो
बिलासपुर ।संकेत साहित्य समिति बिलासपुर इकाई द्वारा नववर्ष के उपलक्ष्य में वरिष्ठ साहित्यकार रमेश चौरसिया रही के मुख्य आतिथ्य , विजय तिवारी की अध्यक्षता एवं डॉ. चंद्रवती नागेश्वर के विशिष्ट आतिथ्य में समिति के अध्यक्ष राकेश खरे ‘राकेश’ के आवास, राजकिशोर नगर ,बिलासपुर में सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
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कार्यक्रम का सफल संचालन किया हरवंश शुक्ला ने।इस अवसर पर बुलेट लेडी के नाम से विख्यात डॉ.सुषमा पंडया जिन्होंने बुलेट पर भारत भ्रमण कर राज्य का नाम रोशन किया था का समिति द्वारा सम्मान किया गया।
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काव्य गोष्ठी में रमा चौरसिया द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना के पश्चात रचनाकारों द्वारा विविध विधाओं की रोचक रचनाएँ प्रस्तुत की गईं । बानगी के तौर पर –
- कांटे भी फूल बन जाएंगे, निष्कपट होकर आगे बढ़ – नरेन्द्र शुक्ला ‘अविचल’
- मंदिर मस्जिद ढूंढा ,देखा,धर्म को बंदी बनाए हैं – हरवंश शुक्ला
- लेखनी भागीरथी है शब्द गंगाजल हुआ – अमृत लाल पाठक
- रख दिये है ,देहरी पर दीप नयनों के -मयंक मणी दुबे
- दुनिया के दुःख दर्द लेकर दो हज़ार पच्चीस आ गया-
कृष्ण कुमार ठाकुर - आओ आज एक नई शुरुआत करते है,
कुछ तेरी कुछ मेरी बात करते हैं -डॉ. सुषमा पंडया - बीत रहा पल पल ,अपनी इक रफ्तार लिए
भवसागर में मिल जाएगा, अपनी बहती धार लिए –
केवल कृष्ण पाठक
•एक अचम्भा मैंने देखा -वन्दना खरे - कुछ पेट रहा है बोल
दो लुकमा खा कर डोल-
विनय पाठक - आंसू नहीं हंसी दो,
कुछ करने को गति दो – राकेश खरे ‘राकेश ‘ - मैंने आवाज़ दी अब तो आ जाओ-रमेश चौरसिया’ राही ‘
अपने सशक्त गीतों के माध्यम से शमा बाँधते हुए
अध्यक्षीय वक्तव्य में विजय तिवारी ने पढ़ी गई रचनाओं की सराहना करते हुए
संकेत साहित्य समिति के 43 वर्षों की सफल यात्रा की प्रशंसा की।
कार्यक्रम के अंत में समिति के अध्यक्ष राकेश खरे ‘राकेश ” द्वारा अतिथियों एवं रचनाकारों के प्रति आभार व्यक्त किया गया।
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Author: Ravi Shukla
Editor in chief