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July 1, 2025 12:44 pm

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*नदी, जंगल ,जमीन और जानवरों की पूजा आदिवासी समाज से ही सीखना होगा- रवि मेहर*

 


नवीन शासकीय महाविद्यालय सकरी में आज जनजाति समाज का गौरवशाली अतीत पर एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न

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विलासपुर।  नवीन शासकीय महाविद्यालय सकरी में जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत ऐतिहासिक , सामाजिक और आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्य में एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न हुई
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष  रवि मेहर थे उन्होंने भारत भूमि को नमन करते हुए कहा कि हम बड़े भाग्यशाली हैं कि जिनका जन्म भारत भूमि में हुआ है हमे अपने मूल्य संकृति की और लौटना होगा, हमारे धरोहर आदिवासियो ने नदी जंगल और जमीन और जानवरों की पूजा आदिवासी समाज के द्वारा ही होता था आदिवासी समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है।

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कार्यशाला को श्री जितेन्द्र कुमार ध्रुव, प्रांतीय संयोजक, जनजाति समाज ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारे जनजाति नायकों ने मुगलों और अंग्रेजो से मुकाबला करते रहे, जनजाति समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है आज हमे पाश्चात्य संस्कृति से हटकर भारतीय ज्ञान परम्परा और संस्कृति की और लौटना होगा , भारत का इतिहास रहा है कि यहां 500 रियासतों में 250 रियासत के राजा आदिवासी रहे हैं उन्होंने रानी दुर्गावती का जिक्र करते हुए कहा कि दुर्गावती ने अकबर से लोहा ली और लगातार 51 युद्ध को जीती तथा सोने की सिक्का चलायी तथा 52 वे युद्ध में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, वो वीरांगना थी आज हमे उनसे प्रेरणा लेकर जीवन मूल्यों को जीने की जरूरत है

कार्यक्रम को विशिष्ट अतिथि के रूप मे जनजाति समाज के जिला संयोजक सुश्री देव बंजारे दीदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि आदिवासी समाज से हमे सीखना होगा अतिथि देवो आदिवासी भाई बहनो के द्वारा घर मे आए मेहमान का पाव धोकर पूजा कर घर के भीतर प्रवेश कराया जाता है यह संस्कृति सीखने योग्य है उन्होंने मंगल पांडे और Tilka Manjhi का जिक्र कर उनकी बलिदानी को नमन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षीय संबोधन मे डाक्टर प्रवीण कुमार पांडेय ने कहा कि पहले ये नारा आया था कि वेदों की और लौटो अब एक नया नारा आया है कि प्रकृति की और लौटो तभी मानव जीवन सुरक्षित रह पायेगा, प्रति वर्ष बढ़ते तापक्रम मे हम जी रहे है और आने वाले समय मे 50 से 55 डिग्री तक तापक्रम बढ़ सकता है ऐसे मे हमे उन जनजातियों के जीवन से प्रेरणा लेनी होगी जो जल जीवन और जमीन के महत्व को हमे समझाये, उन्होंने कार्यक्रम मे श्री भंडारी, विजय Markam, जशपुर क्षेत्र के मूल्य निवासी B R मिंज का नाम उल्लेख करते हुए कहा कि श्री मिंज की मौलिक शोध है उन्हें कभी हम फिर से आमंत्रित कर सुनेंगे,
एक दिवसीय कार्यशाला के संयोजक सुश्री Ajita राजकुमारी तिग्गा मैडम थी कार्यक्रम मे वीर बलिदानी आदिवासी की पूजा अर्चना की गई, छत्तीसगढ़ के raajgeet का सस्वर गान किया गया और बस्तर गान लेकर ममता मिर्जा ने प्रस्तुति दी, श्रद्धा साहू और साथियों ने राजकीय गीत का गान किया, श्रेया तिवारी और साथियो ने सरस्वती वंदना की और डॉ पी  महंत के साथ सुषमा और BSc 1st ईयर के छात्रा समूह ने ” हवय छत्तीसगढ़ मा हमार गाँव ” गाकर समा बाँध दिया , कार्यक्रम मे आदिवासी संस्कृति पर वीडियो रिकॉर्डिंग की प्रस्तुति संजय कुर्रे के द्वारा चलाया गया, कार्यक्रम का संचालन सौमित्र शर्मा सर ने किया इस कार्यक्रम मे अजय कुमार भगत, राजीव ध्रुव, जय कुमार ध्रुव, R S तिवारी वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ विद्याचरण शुक्ला, स्पोर्ट्स ऑफिसर डॉ अजय सिंह, डॉ श्वेता जायसवाल, चित्ररेखा श्रीवास मनीषा उइके, डॉ सरिता पटेल, बरखा हलवाई, अंकिता श्रीवास , प्रदीप साहू, शुभम जगत, प्रफुल्ल बेले, डॉ अंजू मिरी और हर्ष राय, प्रदीप खूँटे ,संजय बघेल, किरण यादव और महाविद्यालय के छात्र छात्राएं उपस्थित हुए, आभार प्रकट डॉ अजय सिंह ने किया

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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