रतनपुर उ. मा. शा. के पूर्व छात्रों द्वारा एक गरिमामय सम्मान समारोह में अपने गुरुजनो का सम्मान किया गया. आयोजित सम्मान समारोह में श्रद्धेय जी. पी .पांडे, राजकुमार गुप्ता एवं धन सिंह ठाकुर का आत्मीय स्वागत किया गया.
होटल सेंट्रल पॉइंट बिलासपुर में पूज्य गुरूजनो को स्वागत कक्ष से मंच तक पुष्प वर्षा करते हुए लाया गया.
मुख्य अभ्यागत सर्व श्री जी.पी.पांडे, जय श्री राजकुमार गुप्ता, श्री धन सिंह ठाकुर ने माँ शारदे की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
श्री निर्गुण दास मानिकपुरि,अशोक चंदेल,अनिल शर्मा ने मुख्य अतिथियो का पुष्पाहार से स्वागत किया.
पूर्व छात्र दिनेश तिवारी ने अपने संचालन उद्बोधन में गुरु महिमा का मंडन करते हुए कहा कि आपकी इस मंच पर उपस्थिति हम शिष्यो से अगाध प्रेम का परिचायक है| आपने हम शिष्यो का सविनय आग्रह स्वीकार कर, मुख्य अतिथि के रुप में मंच पर आसीन हैं, हम सभी छात्र सदैव आपके ऋणी रहेंगे| पूज्य गुरुदेव प्रभु श्री राम जब कपि का ऋण नहीं चुका सके, तो हम शिष्य आपके विद्यादान का ऋण कैसे चुका पायेगे? इसी क्रम में छात्र अनवर बेग ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया| ग्रुप के सभी छात्रों का परिचय का विशेष कार्यक्रम रखा गया| लगभग 45 से 50 वर्ष पश्चात मित्रों के आपस में मिलने पर अपार खुशी जाहिर कर कुशल क्षेम पूछते रहे, यह भावुक
क्षण रहा. पूर्व छात्रों ने पुष्पाहार से स्वागत कर गुरुजनो का अभिनंदन कर स्वयं को धन्य समझा.
इस पावन अवसर पर गुरू के प्रति अपनी बैजनाथ कश्यप ने जीवन मे गुरू के महत्व पर प्रकाश डाला|
भारत भूषण ने कहा जीवन में सच्चे संत और सदगुरू का मिलना सौभाग्य की बात है|
छेदी लाल कश्यप, अनिल शर्मा, अशोक चंदेल, विश्राम निर्मलकर, बलराम पांडेय,जीवन लाल चौबे ने भी संबोधित किया|
इसके पश्चात अपने सार गर्भित उद्बोधन में परम पूज्य श्री जी .पी .पांडेय ने अपने अध्यापन काल खंड में सभी छात्रों का बौद्धिक विकास के प्रति अपने समर्पण भाव का याद दिलाया, साथ ही अध्ययन से अंतिम क्षण तक जुड़े रहने की सलाह दी, छात्रों ने करतल ध्वनि से समर्थन किया, अपने अध्यापन काल खंड के ऐसे छात्रों का भी उललेख किया जो कभी परीक्षा मे पास नही होते, लेकिन इनके सानिध्य
में आकर हर परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास कर आज शिक्षक की सेवा दे रहा है. इसी क्रम में
जय श्री जी. पी. पांडेय ने शिक्षा के पांच सूत्र को भी रेखांकित किया| उन्होने हमेशा कमजोर छात्र को कामयाब बनाने पर जोर दिया|
परम पूज्य श्री डी. एस .ठाकुर ने
छात्रों के कौशल विकास के साथ ही शारिरिक फिटनेस पर बल दिया, उन्होने कहा आप नियमित
व्यायाम करे, फिट रहते हुए तीर्थ
यात्रा करे, पर्यटक स्थल का भ्रमण करे, जीवन अवसाद को हराकर हास परिहास योग को अपनाए, आप स्वस्थ रहेंगे.
अंत मे जय श्रीमती नैना ठाकुर ने
भाव विभोर होते हुए कहा कि ऐसा गरिमामय सम्मान समारोह, उन्होने अपने जीवन काल मे नही देखा, भूरि भूरि प्रशंसा की
इसी क्रम मे सभा में दिवंगत पूर्व
अध्यापक गण एवं दिवंगत छात्रों को मौन रखकर श्रद्धांजलि दी
गई.
सभी गुरुजनो ने पूर्व छात्रों की
स्वस्थ, दीर्घायु एवं खुशहाल जीवन की कामना करते हुए
ह्रदय से आशीर्वाद दिया.
कार्यक्रम में सभी पूर्व छात्र उपस्थित थे.
अंतिम मे प्रमोद कुमार ताम्रकार ने आभार प्रदर्शन किया, आज के कार्यक्रम में भारत भूषण तिवारी, सुरेश कुमार सोनी, अनिल कुमार चंदेल, अनिल शर्मा, रामायण बैसवाड़े, सुखीराम कुंभकार, अनवर बेग, बी एल साहू, बैजनाथ कश्यप, भागवत पटेल, भूषण पांडे, परमेश्वर जायसवाल,भागवत सोनी, अशोक चंदेल, श्याम सुंदर तिवारी, छतलाल कश्यप, छेदीलाल कश्यप, चंद्रकांत जायसवाल, राजेश तिवारी, छेदीलाल दरके, दीलीप तिवारी, दिनेश तिवारी, घनश्याम तिवारी, गिरीश कुमार द्विवेदी, जनार्दन उपाध्याय, जीवन लाल चौबे, सुरेश द्विवेदी, महावीर यादव, निर्गुण दास मानिकपुरी, प्रशांत पांडे, राजकुमार गुप्ता, होरी लाल गुप्ता, रमेश गुप्ता, संतोष गुप्ता, शोभाराम साहू, सुभाष कश्यप, प्रमोद ताम्रकार, सुरेश उपाध्याय, विनोद शर्मा, व्यास नारायण भारद्वाज, अनिल अग्रवाल, अशोक हिंदुजा, बलराम पांडे, जगदीश कश्यप, विश्राम निर्मलकर ,देव कुमार कश्यप, नारायण प्रसाद साहू शामिल थे