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July 2, 2025 7:32 am

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संकट में रंगदार सरपंच आगजनी और नशे का कारोबार जिला बदर की तैयारी

बिलासपुर—पाराघाट सरपंच के नाम आते ही लोगों के जहन में नशे का सौदागार, लूटपाट,कमीशनखोरी,रंगबाजी,हत्या प्रयास. गुंडागर्दी, सरकारी जमीन की खरीदी बिक्री की घटनाएं सामने आ जाती है। बावजूद इसके पाराघाट सरपंच का ना तो पुलिस कुछ कर पा रही है। और ना ही प्रशासन ही शिकायत के बाद भी प्रदीप सोनी के खिला हिम्मत ही जुटा पा रहा है।  बावजूद इसके पिछले एक साल से प्रदीप सोनी के खिलाफ जिला बदर की फाइल अटकी हुई है। बावजूद इसके प्रदीप सोनी की रंगदारी और असामाजिक गतिविधियों पर रोक नहीं लग रहा है। जानकारी देते चलें कि प्रदीप सोनी पाराघाट स्थित आसपास के क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों का दूसरा नाम बन गया है। किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण प्रदीप सोनी ने असामाजिक तत्वों के खिलाफ अपना एक सिस्टम तैयार कर लिया है। जिसके चलते लोगों का अब सामान्य जीवन मुश्किल हो गया है। 

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  जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिनों पहले कलेक्टर ने मस्तूरी थाना पुलिस को पत्र लिखकर पाराघाट सरपंच की अपराधिक गतिविधियों का रिकार्ड मांगा है। खबर के बाद हलचल तेज हो गयी है। लोगों की माने तो यदि पुलिस को जांच का पत्र कलेक्टर ने दिया है तो निश्चित रूप से अच्छी और ब़ड़ी बात है। सीजी वाल ने भी जांच पड़ताल के दौरान पाया कि सरपंच प्रदीप सोनी की जिला बदर की फाइल इस समय प्रशासन के टेबल पर है। इस बात को ही ध्यान में रखकर कलेक्टर ने पुलिस कप्तान के मार्फत मस्तूरी थाना से प्रदीप सोनी की अपराधिक गतिविधियों का रिकार्ड तलब किया है। बताते चलें कि सितम्बर 2023 से जिला बदर की फाइल प्रशासन के टेबल पर है।

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पुलिस रिकार्ड के अनुसार मस्तूरी थाना में प्रदीप सोनी के खिलाफ रंगदारी, कमीशनखोरी,दंगा फसाद, मारपीट समेत नशे के कारोबार का अपराध दर्ज है। फैक्ट्री में घुसकर आग लगाने से लेकर हथियार से हमला को लेकर थाने में प्रदीप सोनी के खिलाफ एफआईआर है।इतना ही कई अपराध में सरपंच प्रदीप सोनी जेल का दौरा भी कर चुका है। आदतों में सुधार नहीं होने के बाद तत्कालीन पुलिस प्रशासन  ने तत्कालीन कलेक्टर के सामने प्रदीप सोनी के लिए जिला बदर की फाइल को बढाया गया। इस उम्मीद के साथ कि पुलिस कार्रवाई से सरपंच की आदतों में सुधार होगा। लेकिन उम्मीद को कोई सफलता नहीं मिली। बताया जा रहा है कि इस बार पूरी संभावना है कि प्रदीप सोनी पहले सरपंच होंगे जिनका जिला बदर होना निश्चित है।

जिला बदर की कार्रवाई को लेकर सितम्बर 2023 में चलाए गए फाइल के अनुसार पाराघाट सरपंच पर निश्चित तारीख तक एक दर्जन से अधिक ममले मस्तूरी थाना में दर्ज हैं। अपराधो का विवरण कुछ इस तरह है।

1) प्रार्थी नितेश कुमार सिंह से फैक्ट्री में घुसकर 11 मई 2015 में मारपीट,जान से मारने की धमकी। आईपीसी की धारा 456,323,506,34 का अपराध दर्ज

2) 8 नवम्बर 2020 कोडिन सिरप परिवहन करते डस्टर जेएच05 पीबी 5820  बरामद । NDPS धारा 21,22 दर्ज, सरपंच गिरफ्तार

3)  12 अप्रैल 2021 को राजकुमार केशकर पर जानलेवा हमला। आईपीसी की धारा 294,506 दर्ज,सरपंच प्रदीप सोनी गिरफ्तार

4) पीड़ित चंदन सिंह को हथियार दिखाकर जान से मारने की धकमी। 19 मई 2021 को आईपीसी की धारा 294,506.34 के तहत प्रदीप सोनी गिरफ्तार

5) 2 जून 2013 को शांति भंग करने के आरोप में पुलिस ने सरपंच प्रदीप सोनी के खिलाफ 107,116(3) में एफआईआर कायम

6) 7 अगस्त 2016 को शांति भंग करने के आरोप में पुलिस ने सरपंच प्रदीप सोनी के खिलाफ 107,116(3) में एफआईआर कायम

7) साल 2019 को शांति भंग करने के आरोप में पुलिस ने सरपंच प्रदीप सोनी के खिलाफ 107,116(3) में एफआईआर कायम

8) 7 नवम्बर 2017 को शांति भंग करने के आरोप में पुलिस ने सरपंच प्रदीप सोनी के खिलाफ 107,116(3) में एफआईआर कायम

9)20 जनवरी 2020 को शांति भंग करने के आरोप में पुलिस ने सरपंच प्रदीप सोनी के खिलाफ 107,116(3) में एफआईआर कायम

10) 22 मार्च 2021 को शांति भंग करने के आरोप में पुलिस ने सरपंच प्रदीप सोनी के खिलाफ 107,116(3) में एफआईआर कायम

आरोपी से कब मिलेगा छुटकारा

             जानकारी देते चलें कि प्रदीप सोनी कई मामलों में जेल दाखिल हो चुका है। इस उम्मीद के साथ की आरोपी के व्यवहार में परिवर्तन होगा। बावजूद इसके कानून के प्रति आरोपी में किसी प्रकार का सम्मान या भय नहीं है। फैक्ट्री में घुसकर मारपीट करना,लोगों को डराना धमकाना आज भी आदतों में शुमार है। पैसों के लिए कोई ना कोई बहाना लेकर लोगों में भय करता है। साथ ही सरपंच रहने के दौरान सरकारी जमीन को प्लाटिंग कर कौड़ियों के मोल बेच रहा है। आज भी यह काम आरोपी सरपंचप प्रदीप सोनी कर रहा है।

     देखने वाली बात होगी कि क्या वर्तमान कलेक्टर आरोपी के खिलाफ जिला बदर जैसा कोई सख्त कदम उठाते है या नहीं। जबकि आरोपी का जिला बदर फाइल पूर्व पुलिस कप्तान ने तत्कालीन कलेक्टर के सामने पेश किया था।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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