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July 1, 2025 2:40 pm

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एनएमडीसी लिमिटेड का मुख्यालय हैदराबाद से रायपुर लाने का संकल्प ले सीएम साहब : प्रचुर खनिज भंडार है छत्तीसगढ़ में मुख्यालय हैदराबाद में क्यों- शैलेश पांडेय

बिलासपुर। पूर्व विधायक शैलेश पांडेय ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ वासियों के साथ अन्याय है। डबल इंजन सरकार को शीघ्रता से कार्रवाई कर एनएमडीसी की मुख्यालय को हर हाल में रायपुर आना चाहिए । क्योकि प्रचुर खनिज भंडार युक्त छत्तीसगढ़ राज्य के बैलाडीला क्षेत्र में लौह अयस्क के दोहन में एनएमडीसी लिमिटेड लगभग विगत सात दशकों से संलग्न है ।

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एनएमडीसी लिमिटेड की अधिकांश लाभकारी इकाइयां छत्तीसगढ़ में संचालित हैं। यह कंपनी अपनी लगभग 80% लाभ छत्तीसगढ़ से अर्जित करती है। बावजूद इसके एनएमडीसी लिमिटेड का मुख्यालय हैदराबाद में होना किसी भी सूरत में तर्कसंगत नहीं जान पड़ता है। अपनी स्थापना से ही एनएमडीसी का रवैया छत्तीसगढ़ प्रदेश, यहां के मूल निवासियों, मूल निवासी कर्मचारियों के प्रति सौतेला रहा है।
इन्ही कारणों से विगत पांच दशकों से यहां के मूल निवासी एनएमडीसी के मुख्यालय को रायपुर स्थानांतरण की नियमित रूप से मांग करते रहे हैं।
अविभाजित मध्यप्रदेश की विधानसभा में सर्व सम्मति से एनएमडीसी के मुख्यालय को रायपुर स्थानांतरण का प्रस्ताव 1998 में सर्व सम्मति से पारित कर केंद्र सरकार को अनुशंसा प्रेषित की जा चुकी है।
रत्नगर्भा छत्तीसगढ़ प्रदेश की अस्मिता से जुड़े इस गंभीर विषय पर तत्काल संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जनभावनाओं के अनुरूप निम्नलिखित प्रस्ताव पर त्वरित कार्यवाही करनी चाहिए-
1. राज्य सरकार द्वारा अटल नगर नवा रायपुर में आबंटित भूमि पर/या नई जगह पर एनएमडीसी मुख्यालय स्थानांतरित की जाए।
2. साथ ही रायपुर में स्थित ग्लोबल एक्सप्लोरेशन सेंटर का नाम के अनुरूप पूर्ण रूप से सक्रिय संचालन प्रारंभ किया जाए।

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3. वैश्विक स्तर नाम के अनुरूप रायपुर में आर एंड डी सेंटर, खान / भूगर्भ महत्ता के संग्रहालय Rock Museum/स्थाई प्रदर्शनी केंद्र भी स्थापित किया जाए।
4. जन-भावनाओं के अनुरूप राज्य सरकार और एनएमडीसी के मध्य एमओयू कर राज्य की खनिज संपदा के गवेषण, दोहन पर वृहत पैमाने पर कार्य प्रारंभ किया जाए। बैलाडीला क्षेत्र में लौह अयस्क डिपॉजिट 4, 13, बेलमुंडी सरायपाली / देवभोग हीरा खदान पर भी संयुक्त उद्यम के माध्यम से कार्य शीघ्र प्रारंभ हो ।
5. साथ ही नगरनार इस्पात संयंत्र के जगदलपुर में स्थित मुख्यालय का पूर्ण रूप से सक्रिय संचालन प्रारंभ किया जाए।
6. छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को नौकरी में प्राथमिकता दी जाए। मूल निवासी कर्मचारी अधिकारियों के प्रति पदोन्नति, स्थानांतरण सहित अन्य कार्मिक मामलों में सौतेला व्यवहार तत्काल बंद किया जाए।
7. प्रदेश निहित सीएसआर, स्पॉन्सरशिप, लोक कल्याणकारी योजनाओं में भागीदारी बढ़ाई जाए। तेलंगाना में एनएमडीसी की लाभकारी इकाई नहीं होने के बावजूद वहां विशेष झुकाव/ प्राथमिकताआखिर क्यों…? छत्तीसगढ़ के साथ एनएमडीसी का सौतेला रवैया का अंत कब होगा..? यहां की थाली में खाकर यहां की थाली में छेद कब तक?
धान और खनिज के कटोरे के दोहन के बाद छत्तीसगढ़ महतारी की पीड़ा को समझते हुए, जनाकांक्षाओं के अनुरूप चिर प्रतीक्षित मांग (केवल और केवल) मुख्यालय रायपुर स्थानातरण के द्वारा संभव है, जबकि अब राज्य और केंद्र दोनों जगहों पर डबल इंजिन की सरकार है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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