ना अब तक नाइट लैंडिंग उपकरणों का टेंडर हुआ और ना ही सेवा से जमीन वापसी पर कोई परिणाम निकला
विमानन विभाग कोई भी समय बाद योजना प्रस्तुत नहीं कर पा रहा
बिलासपुर ३१ अगस्त हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने बिलासा बाई केवट एयरपोर्ट के विकास के लिए राज्य सरकार के रवैया उदासीन भरा होने की बात पर निराशा जाहिर की है समिति का कहना है की इतना समय बीत जाने के बाद भी नाइट लैंडिंग उपकरणों का टेंडर अभी तक नहीं हुआ है और ना ही सेवा के कब्जे वाली जमीन का एयरपोर्ट प्रबंधन को विधिवत हस्तांतरण। इसी संबंध में एक प्रतिनिधि मंडल आज राज्यपाल/मुख्यमंत्री से बिलासपुर प्रवास पर मिलने वाला था और सर्किट हाउस में मिलने भी पहुंचा तथा सत्तारूढ़ दल के एक विधायक के माध्यम से मिलने का प्रयास भी किया लेकिन कलेक्टर ने मिलने की अनुमति नहीं दी । फलस्वरूप प्रतिनिधि मंडल को बैरंग लौटना पड़ा ।
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने बताया कि नाइट लैंडिंग की तकनीक पर निर्णय हुए दो माह बीत चुके हैं और अभी तक उन उपकरणों का टेंडर विमानन विभाग की ओर से जारी नहीं किया गया है जबकि टेंडर आमंत्रित करने विक्रेता का चयन होने और उसके बाद उपकरणों की स्थापना आदि में 6 से 8 मा का समय कम से कम लगेगा समिति ने कहा की अत्यंत खेत का विषय है कि नाइट लैंडिंग के लिए उपकरणों के संबंध में धनराशि पहले से स्वीकृत है बावजूद उसके नाइट लैंडिंग का काम अटका हुआ है समिति के अनुसार एक बार बिलासपुर एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग की सुविधा हो जाएगी तो इंडिगो स्पाइसजेट स्टार एयर आदि अन्य कंपनियां जिनके पास 72 और 80 सीटर विमान है वह भी बिलासपुर से उड़ान संचालित करने लगेंगे।
समिति ने इसके साथ ही रक्षा मंत्रालय और सुना के अधीन खाली पड़ी हुई जमीन के एयरपोर्ट प्रबंधन के लिए हस्तांतरण के कार्य को पूरा न होने पर अपना असंतोष जाहिर किया है समिति में बताया कि 90 करोड रुपए की राशि लगभग साल भर पहले देने के बाद भी सेवा के द्वारा स्टैंड बदलने के कारण जमीन का हस्तांतरण रोका है और इसके लिए राज्य सरकार को उच्च स्तर पर रक्षा मंत्रालय से चर्चा करनी होगी समिति ने कहा कि उनकी अपेक्षा है कि स्वयं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जो विमानन मंत्री भी है वह रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह से इस बारे में बात कर गतिरोध को दूर करें परंतु ऐसी कोई पहल होती हुई दिखाई नहीं दे रही है।
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का महा धरना आज भी जारी रहा और आगमन के कम से सर्वश्री रवि बनर्जी अनिल गुलहरे बद्री यादव मनोज श्रीवास दीपक कश्यप मनोज तिवारी महेश दुबे केशव गोरख समीर अहमद विजय वर्मा आशुतोष शर्मा मोहन जायसवाल चंद्र प्रकाश जायसवाल राशिद बख्श रंजीत सिंह खनूजा रामा बघेल संतोष पीपलवा अखिल अली और सुदीप श्रीवास्तव शामिल हुए