वर्धा।महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में भारत सरकार की मिशन कर्मयोगी पहल के तहत शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए एक राष्ट्रीय कर्मयोगी प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन महादेवी वर्मा सभागार में किया गया।
इस कार्यशाला का उद्देश्य विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों में सेवा भावना, कार्यकुशलता और नेतृत्व क्षमता का विकास करना है।
विश्वविद्यालय की ओर से कर्मयोगी प्रशिक्षण के लिए साहित्य विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. अवधेश कुमार, सॉफ्टवेयर एसोशिएट के. के. त्रिपाठी तथा सहायक संपादक डॉ. अमित कुमार विश्वास को राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय भेजा गया था, जिन्होंने वापसी के बाद विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण प्रदान किया।
प्रशिक्षण के तीन चरणों में 16 अक्टूबर को प्रथम समूह, 29 अक्टूबर को द्वितीय समूह और 30 अक्टूबर को तृतीय समूह को प्रशिक्षण दिया गया।

कार्यशाला में प्रतिभागियों को यह सिखाया गया कि सरकारी सेवाओं में सहानुभूति, संवाद और टीम भावना के साथ कैसे प्रभावी ढंग से कार्य किया जा सकता है। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों में आत्मविश्वास पैदा करना, ज्ञान और दक्षता बढ़ाना तथा समूह में सामंजस्य स्थापित करना रहा।यह प्रशिक्षण iGOT कर्मयोगी (Integrated Government Online Training) प्लेटफॉर्म के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। यह भारत सरकार की डिजिटल पहल है, जो सितंबर 2020 में शुरू की गई थी। इस प्लेटफॉर्म पर स्व-गति वाले ऑनलाइन पाठ्यक्रम, वेबिनार और सहकर्मी-शिक्षण के अवसर उपलब्ध हैं। इसका उद्देश्य नागरिक-केंद्रित सिविल सेवा का निर्माण करना है, जो जनता की अपेक्षाओं पर खरी उतर सके।
कार्यक्रम के अंतर्गत संज्ञानात्मक परिवर्तन नेतृत्व टीम भावना नैतिकता और सेवा उत्कृष्टता जैसे विषयों पर संवादात्मक सत्र आयोजित किए गए। प्रतिभागियों ने बताया कि इस प्रशिक्षण से उनमें कार्य प्रेरणा उद्देश्य भावना और संगठनात्मक जुड़ाव में नई ऊर्जा का संचार हुआ है।
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