गुरुजी लोगों को हो क्या गया है
शिक्षा के मंदिर में इन दिनों जो कुछ हो रहा है वह किसी भी नजरिये से ठीक नही है। एक वह भी दौर था जब गांव में लोग गुरुजी की बात को अंतिम मानकर वही करते थे जो वे बोल देते थे। वह दौर तो कब का जा चुका है। इसजके लिए ऐसे ही गुरुजी जिम्मेदार हैं, जो इन दिनों शिक्षा के मंदिर को अपनी हरकतों के चलते अपवित्र कर रहे हैं। क्या किसी ने सोचा था, स्कूल में मुर्गा और शराब पार्टी होगी। बच्चों के सामने गुरु का ऐसा वीभत्स चेहरा सामने आएगा। किसी ने सोचा तो नहीं था, पर ऐसा वाकया लगातार हो रहा है और सुनने में भी आ रहा है।
रायपुर में कमिश्नरी सिस्टम 1
छत्तीसगढ़ की राजधानी में पुलिस कमिश्नर सिस्टम की शुरुआत होने वाली है। कब से होगी इस पर सरकार से लेकर पीएचक्यू भी श्योर नहीं है। अटकलें लगाई जा रही है। महकमे के दिग्गजों की माने तो इस तरह की बातें हो रही है। एक ने कहा अभी दूर की कौड़ी। एक बोले कमिश्नरी श्योर है, तैयारी को देखकर लगता नहीं कि पर इतनी जल्दी सब ओके हो जाएगा। नोडल अफसर की बात भी छेड़ते सुने गए। ठीक वैसा ही जैसे नए जिले की घोषणा के बाद कुछ दिनों के लिए नोडल अफसर बैठा देते है। नोडल की बात किसलिए और क्यो इस पर भी चर्चा जरूरी है।CBN36 पहले ही लिख चुका है कि मामला नए साल में ही जाएगा ?
रायपुर में कमिश्नरी सिस्टम 2 ,दिल्ली की पसंद पर लगेगी मुहर ,CBN.36 की आशंका सच साबित हुई
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से पुलिस कमिश्नर व्यवस्था लागू होने जा रही है। राज्य सरकार ने जब देश के अन्य राज्य में लागू इस व्यवस्था के अध्ययन के लिए आला पुलिस अफ़सरों की टीम बनाई थी, तभी से ही इसे लागू करने को लेकर अटकलें लगाई जा रही है। राज्य निर्माण दिवस एक नवंबर से लागू करने को लेकर भी दावे सामने आए। CBN.36 ने पहले ही बता दिया था कि राज्य में पुलिस कमिश्नर व्यवस्था लागू तो होगी और एक नवंबर से नहीं। सरकार की तैयारियों की ओर भी ध्यान खींचा था। सरकार से जुड़े सूत्र पर भरोसा करें तो कुछ कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है।
सबसे बड़ी वजह ये कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय राज्य में इस नई व्यवस्था को लागू करने से पहले फूल प्रूफ प्लान चाहते हैं। अफ़सरों का कहना है कि राज्य में जब यह व्यवस्था लागू हो तो कोई खामी न रहे।जिन राज्यो में लागू व्यवस्थाओं की खामियों का अध्ययन कर कमी व खामी को दूर करने का निर्देश सीएम ने कमेटी को दिया है। चर्चा है कि सीएम के पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद ही प्रदेश में इसे लागू किया जाएगा। सेटअप और इंफ्रास्ट्रक्चर पर नजर डालें तो इस ओर भी अभी कमी नजर आ रही है। पुराने पीएचक्यू में कमिश्नर आफिस खुलेगा या कहीं और इसे लेकर भी फिलहाल असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कमिश्नरी व्यवस्था में आला अफसर शामिल होंगे। कार्यालय और पूरा सेटअप का एक जगह होना जरूरी है। तभी तो फाइलें सिस्टम से सरकेंगी। आपस मे अफसरों के बीच सामंजस्य बना रहेगा। जिस अंदाज में सरकार की तैयारियां चल रही है, उससे तो यह लग नहीं रहा कि एक नवंबर से यह व्यवस्था शुरू हो पाएगी।
रायपुर में कमिश्नरी सिस्टम 3,दिल्ली की पसंद पर लगेगी मुहर
पुलिस कमिश्नर की दौड़ में तीन अधिकारियों के नाम की चर्चा हो रही है। ये तीनो अफसर आईजी रैंक के हैं। चर्चा तो इस बात की भी हो रही है कि प्रदेश में चल रही लॉबिंग से अलग, दिल्ली की पसंद पर मुहर लगेगी।
महकमे के एक दिग्गज अफसर की बातों में दम नजर आ रहा है। सरकार से लेकर पीएचक्यू में एक ही बात की चर्चा इन दिनों हो रही है। रायपुर का पहला कमिश्नर आफ पुलिस कौन। रेस में जिन अफसरों के नाम है वह पब्लिक के बीच भी है। नाम तो किसी एक का आएगा, किस नाम पर सरकार की मुहर लगेगी यह फिलहाल सस्पेंस है। चर्चा तो इस बात की भी हो रही है मुख्य सचिव की नियुक्ति में जो कुछ हुआ यह सबके सामने है। दिल्ली में कौन सा लाबी ताकतवर हैं यह भी किसी से छिपा नहीं है। कहीं मुख्य सचिव जैसे मामला ना हो जाए। सीनियर ताकते रह जाये और कुर्सी पर दमदार जूनियर काबिज हो जाएं।लेकिन इस सब के बीच चर्चा है कि अमरेश मिश्रा रायपुर के पहले कमिश्नर होगे ? ए हम नहीं सूत्र बताते हैं कुछ गड़बड़ हुई तो संजीव शुक्ला और राम गोपाल गर्ग के नाम की भी चर्चा है ।हो ना क्यो गुरु एक ही है ,अब इंतज़ार करे गुरु का आशीर्वाद किसे मिलता है ।
संगठन सृजन, काश कुछ ऐसा हो जाय
कांग्रेस में संगठन सृजन का अंतिम दौर चल रहा है। अंतिम दौर इसलिए कि आब्जर्वर आकर चले गए। रिपोर्ट दिल्ली पहुंच गई। अब ताजपोशी की बारी है। दावेदारों से ज्यादा दिग्गजों की धड़कने बढ़ी हुई है। कारण भी साफ है, इस बार किसी की चलते दिख नही रही। असमंजस ये कि दिल्ली किस नाम पर उंगली रखेगा। अपना हुआ तब तो ठीक नही तो राजनीति करना मुश्किल हो जाएगा। यह इसलिए कि चुनावी दौर में सृजन से निकलकर संगठन चलाने वालों की टिकट वितरण में जमकर चलेगी। इसीलिए तो दावेदारों से ज्यादा दिग्गजों की धक-धक हो रही है।
अटकलबाजी
रायपुर के पहले पुलिस कमिश्नर की कुर्सी किस अफसर को मिलेगी। दौड़ में शामिल अफसरों में किसकी राजनीतिक पकड़ दिल्ली तक है। रेंक में रद्दोबदल की काबिलियत रखते हैं या नहीं ये तो वक्त बताएगा ।
कांग्रेस में शहर व जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। जिला बंटवारा करने वाले दिग्गजों की धड़कनें क्यो बढ़ी हुई है।
प्रधान संपादक





