बिलासपुर। पति की मौत के बाद पश्चिम बंगाल के वृद्धाश्रम में रह रही रिटायर्ड टीचर के बैंक खाते से धोखाधड़ी कर रुपये निकाले जाने का मामला सामने आया है। शिकायत के करीब नौ महीने बाद सिविल लाइन पुलिस ने अज्ञात आरोपित के खिलाफ जुर्म दर्ज कर जांच शुरू की है।

तारबाहर क्षेत्र के विद्या नगर, शिव मंदिर के पीछे रहने वाली रत्ना मंडल (65) रिटायर्ड टीचर हैं। उनके पति मनोरंजन मंडल रेलवे में पदस्थ थे। पति की मौत के बाद वे पश्चिम बंगाल स्थित एक वृद्धाश्रम में रह रही हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि चार अक्टूबर 2024 को उन्होंने बैंक में ढाई-ढाई लाख रुपये के दो फिक्स डिपॉजिट कराए थे। इसके एक माह बाद उनके खाते से 50 हजार रुपये की निकासी हो गई, जिसकी जानकारी उन्हें नहीं थी। इसके बाद उनके नाम पर चार लाख 54 हजार रुपये का ओवरड्राफ्ट लोन निकाल लिया गया और पूरी राशि अन्य खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी गई। रत्ना मंडल ने बताया कि उन्होंने कभी इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग नहीं किया। बावजूद इसके उनके खाते से संदिग्ध ईमेल जोड़कर नेट बैंकिंग सक्रिय कर दी गई। इस दौरान बैंक की ओर से उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई। आशंका जताई जा रही है कि बैंक कर्मियों की मिलीभगत के बिना इतनी बड़ी धोखाधड़ी संभव नहीं है। महिला को इस फर्जीवाड़े की जानकारी दिसंबर 2024 में हुई। तब उन्होंने बैंक प्रबंधन के साथ ही सिविल लाइन थाने में भी शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बावजूद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई नहीं की और मामला नौ माह तक दबा रहा। अब जाकर अज्ञात आरोपित के खिलाफ कूट रचना और आईटी एक्ट के तहत जुर्म दर्ज कर विवेचना में लिया गया है। इधर, बैंक की ओर से किश्त भुगतान के लिए लगातार महिला को फोन किए जा रहे हैं। इससे वह मानसिक रूप से परेशान हैं। उनका कहना है कि बिना जानकारी उनकी एफडी और खाते से छेड़छाड़ की गई है, जिसमें बैंक अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। पीड़िता ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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