बिलासपुर पुलिस ने 166 हथियारों में 105 चाकू की जब्ती पुलिस ने बनाई,चाकूबाजों को किया जेल के हवाले
भ्रामक आँकड़े फैलाने वालों को पुलिस का करारा जवाब, एसएसपी के नेतृत्व में सैकड़ों हथियार जब्त
छतीसगढ़ ।बिलासपुर पुलिस की सक्रियता और पैनी निगाहों के चलते अपराध होने से पहले ही चाकूबाजों को धर दबोचा है। 166 हथियार पुलिस ने जब्त किया है। सबसे ज्यादा चाकू है। जाहिर है अपराध से पहले ही पुलिस ने इन चाकूबाजों को गिरफ्तार कर जेल के हवाले कर दिया है। समय रहते पुलिस सक्रिय नहीं होती तो ये चाकूबाजी गंभीर अपराध को अंजाम दे दिए होते। एसएसपी रजनेश सिंह की सख्ती और तगड़ी पुलिस व्यवस्था के चलते ही यह सब संभव हो पाया है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो बिलासपुर में अपराधियों से 166 हथियारों की जब्ती पुलिस ने बनाई है। इसमें 105 चाकू के अलावा 26 तलवार,एक कट्टा व चार पिस्टल शामिल है। खुखरी व चापड़ जैसे 36 घातक हथियार भी है जिसे पुलिस ने आरोपियों से जप्त किया है। जाहिर है ये घातक हथियार जप्त नहीं किए गए होते तो जिले के किसी ना किसी थाने क्षेत्र में बदमाश गंभीर वारदात कर ही देते। चुस्त पुलिसिंग के चलते ही यह सब संभव हो पाया है। 11 चाकूबाजों के खिलाफ पुलिस ने हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है। 14 प्रकरणों में सामान्य चोट व एक हत्या का मामला शामिल है।

एसएसपी रजनेश सिंह का कहना है कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। चाकूबाज हो या फिर कोई अन्य। कानून से ऊपर कोई नहीं हो सकता। शहर व जिले के थाना प्रभारियों को अपराधियों खासकर चाकूबाजों से सख्ती के साथ निपटने और आम लोगों की सुरक्षा का ख्याल रखने निर्देशित किया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजनेश सिंह के निर्देश पर चल रही लगातार कार्रवाई के कारण ही अवैध हथियारों की रोकथाम संभव हुई है। एसएसपी के नेतृत्व में गठित विशेष टीमों ने त्वरित कार्रवाई कर अपराधियों पर नकेल कसी है। यही नहीं वे स्वयं मॉनिटरिंग कर रहे है शायद यही कारण है की पुलिसिंग की व्यवस्था पहले से बेहतर हुई है ए तो आकड़े बता रहे है ।एसएसपी के ही इन प्रयासों से जिले में अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था को नई मजबूती मिली है।
एडीजी इंटेलिजेंस और डीजीपी की चिंता जायज़
प्रदेश में बढ़ती चाकूबाजी की घटनाओं को रोकने के लिए एडीजी इंटेलिजेंस अमित कुमार और डीजीपी अरुण देव गौतम भी चिंतित है ,और रहना भी चाहिए जिम्मेदारी भी उन्हीं की है उनके साथ जिले के एसएसपी और एसपी भी इसको लेकर अच्छा रिजल्ट देने के लिए प्रयासरत है ।लेकिन इन सब के बीच डीजीपी अरुण देव गौतम को सूखे नशे के लिए कोई ठोस कार्य योजना बनानी होगी क्योंकि चाकू बाजी की जड़ में कहीं ना कहीं सूखा नशा छिपा हुआ है श्री गौतम को पुलिसिंग का अच्छा ख़ासा अनुभव है कई जिलों के एसपी रहे है उनसे अच्छा जिलों को कौन समझ सकता है ।
अब ये तो अकस्मात ही रहा पहले एडीजी इंटेलिजेंस अमित कुमार प्रदेश के सभी जिलों के एसपी की बैठक लेने वाले थे लेकिन अचानक डीजीपी ने आनन फ़ानन में आईजी रेंज की बैठक ले ली।सुबह अचानक भेजे गए संदेश में निर्देश दिया गया कि दोपहर 12 बजे से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक होगी। करीब तीन घंटे चली इस बैठक में एडीजी इंटेलिजेंस अमित कुमार भी मौजूद रहे। बैठक का मुख्य एजेंडा चाकूबाजी की घटनाओं पर रोकथाम और कानून-व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के उपाय रहे।डीजीपी ने सभी आईजी को स्पष्ट निर्देश दिए कि चाकूबाजी जैसी घटनाओं पर सख्ती से नकेल कसनी होगी। बैठक में चर्चा हुई कि गली–मोहल्लों और दुकानों पर चाकू की उपलब्धता और ऑनलाइन बिक्री पर रोक के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। इसके अलावा पुलिस को ग्रास रूट पर उपस्थिति को और मजबूत बनाने के निर्देश दिए गए।
प्रदेश के डीजीपी अरुण देव गौतम के मुताबिक यह बैठक केवल इसलिए की गई कि प्रदेश के सभी जिलों के एसपी -एसएसपी से वृहद स्तर पर बातचीत कर पुलिसिंग व्यस्था को और बेहतर बनाने की कोशिश की जाए ।इस बैठक में डीजीपी अरुण देव गौतम और एडीजी इंटेलिजेंस अमित कुमार ने सभी आईजी से सुझाव भी लिए। छुट्टी के दिन भी पुलिस नेतृत्व की तत्परता इस बात का संकेत है कि प्रदेश की पुलिस हर परिस्थिति में अलर्ट और जवाबदेह है।

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