बिलासपुर। सड़क पर आवारा मवेशियों के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर पूछा है कि अब तक जारी निर्देशों का कितना पालन किया गया है। कोर्ट के निर्देश के मद्देनजर कलेक्टर बिलासपुर ने शपथपत्र पेश कर जानकारी दी है। कोर्ट ने अगली सुनवाई नवंबर में निर्धारित की गई है। सड़कों पर आवारा मवेशियों के कारण हो रही दुर्घटनाओं को लेकर संजय रजक ने एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की है, इसके अलावा हाईकोर्ट ने भी समय समय पर हुई सड़क दुर्घटनाओं को लेकर संज्ञान में लिया है। इसके बाद से इस जनहित याचिका पर निरंतर सुनवाई चल रही है। पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट के निर्देश पर मुख्य सचिव ने एक शपथपत्र पर सारी जानकारी दी थी। पहले हुई सुनवाई में एनएचएआई ने हादसों को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी थी ।
हाइवे पर अतिरिक्त रूट पेट्रोलिंग वाहन तैनात किए गए हैं और निगरानी बढ़ाई गई है। पेंड्रीडीह गांव में कैटल प्लेटफार्म बनाने का काम शुरू हो गया है, वहीं रतनपुर और बेलमुंडी में शेल्टर बनाए जाएंगे। हाईवे पर मवेशी न आए इसके लिए 7.35 किलोमीटर तक बांस की बाड़ (सुरक्षा कवच) लगाने का टेंडर जारी किया गया है। इसके साथ ही टोल प्लाजा पर पर्चे बांट रहे हैं ताकि रात में भी उन्हें देखा जा सके। इसी तरह हाईवे के संवेदनशील हिस्सों पर स्ट्रीट लाइट लगाने का काम भी शुरू हो गया है।
बिलासपुर कलेक्टर ने शपथपत्र के साथ बताया था कि, पेंड्रीडीह बायपास क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया गया है, सभी स्ट्रीट लाइटें चालू कराई गई है। नगर निगम और नगर पंचायत बोदरी की ओर से मवेशी हटाने के लिए नियमित रूप से कर्मचारी तैनात किए गए हैं। गाय शिकारी (कैटल कैचर) वाहन लगातार चल रहे हैं।
हाईकोर्ट ने पाया कि, कार्रवाई केवल बिलासपुर-सरगांव बायपास तक सीमित है, जबकि बिलासपुर-अंबिकापुर हाइवे (रतनपुर मार्ग) पर हालात बेहद खराब हैं। इस पर एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को अलग से व्यक्तिगत शपथपत्र प्रस्तुत करने कहा गया। आज चीफ जस्टिस की डीबी ने सुनवाई करते हुए कहा कि, अब तक शासन ने इस समस्या को को दुरुस्त करने जो भी कार्य योजना बनाई है, उस पर कितना अमल हुआ है। इस बारे में कोर्ट ने मुख्य सचिव से पूरी जानकारी सविस्तार मंगाई है। इसके साथ ही आज भी कलेक्टर बिलासपुर ने एक शपथपत्र पर जानकारी दी कि पहले उठाये गये कदमों पर तेजी से अमल हो रहा है। अब अगले माह फिर सुनवाई निर्धारित की गई है।

प्रधान संपादक




