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October 17, 2025 2:51 am

ऑपरेशन तलाश, 807 गुमशुदा को ढूंढ निकाला, लौटाई परिजनों की मुस्कान,लौटें घर वो चेहरे जिनका सालों से था इंतज़ार

प्रदेश के पुलिस महानिदेशक आईपीएस अरुण देव गौतम के निर्देश पर चला अभियान ,80 प्रतिशत गुमशुदा मामलों को सुलझाने में दुर्ग पुलिस को सफलता मिली

दुर्ग।छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में गुमशुदा महिला एवं पुरुषों की तलाश के लिए चलाए गए विशेष अभियान ऑपरेशन तलाश को बड़ी सफलता मिली है। एक महीने तक चले इस अभियान में पुलिस ने 807 लापता महिला और पुरुषों को बरामद कर उनके परिजनों को सौंपा।

जिले में 1 जून से 30 जून 2025 तक चलाए गए इस अभियान के तहत राज्य के बाहर से 277 और छत्तीसगढ़ राज्य से 530 लोगों को खोज निकाला गया। इस तरह कुल 80 प्रतिशत गुमशुदा मामलों को सुलझाने में पुलिस को सफलता मिली है।

अभियान के दौरान पुलिस की विशेष टीमों ने तकनीकी सहायता, मोबाइल लोकेशन और सोशल मीडिया की मदद से कई वर्षों से लापता लोगों का पता लगाकर उन्हें उनके घर पहुंचाया।

प्रदेश के पुलिस महानिदेशक आईपीएस अरुण देव गौतम के निर्देश पर चलाए गए इस अभियान की निगरानी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल के निर्देशन में की गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) एवं नोडल अधिकारी अभिषेक झा तथा उप पुलिस अधीक्षक अजय सिंह (सहायक नोडल अधिकारी) के नेतृत्व में अभियान को सफलता पूर्वक अंजाम दिया गया।

एसएसपी विजय अग्रवाल ने जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में गुमशुदा मामलों की फिर से गहन समीक्षा की  और मानव तस्करी सेल गठित कर लंबित मामलों पर विशेष ध्यान दिया गया।

थाना जामुल से सबसे अधिक 100 दुर्ग से 72 सुपेला से 62 लापता व्यक्तियों को बरामद किया गया। वहीं राज्य के बाहर से पुलगांव से 36 पाटन से 23 मोहन नगर से 21 कुम्हारी से 12 बोरी से 13न धमचा से 14 खुर्सीपार से 26 सुपेला  से 48 उतई से 12 छावनी से 14 वैशाली नगर से 10 जामुल से 24 जामगांव आर से 11 तथा नेवई से 13 लोगों को खोज निकाला गया।

दुर्ग जिला के विशेष शाखा द्वारा इस अभियान के दौरान पूरा डाटा एकत्र कर तैयार किया गया जिससे ऑपरेशन तलाश को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने में मदद मिली।

एसएसपी विजय अग्रवाल का कहना है कि यह अभियान न केवल गुमशुदा व्यक्तियों को उनके परिवारों से जोड़ने में सफल रहा, बल्कि आम जनता में पुलिस के प्रति विश्वास भी बढ़ा है। अभियान के सफल संचालन से कई परिवारों में खुशियां लौटी हैं।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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