मनेंद्रगढ़ शहर से कुछ दूर स्थित लाई ग्राम के निकट हसदेव नर्सरी क्षेत्र में नदी का पानी बहते हुए मुख्य सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग 43 पर जिससे पूरा आवागमन बाधित
नेंद्रगढ़ भरतपुर ।(संवाददाता प्रशांत तिवारी) बीते कुछ दिनों से मौसम विभाग द्वारा दी जा रही भारी बारिश की चेतावनियों के अनुरूप अब छत्तीसगढ़ के कई जिलों में वर्षा ने विकराल रूप ले लिया है। मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में भी अनवरत भारी वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नदी-नाले उफान पर हैं और कई स्थानों पर तेज बहाव का पानी पुल-पुलियों और मुख्य मार्गों के ऊपर से बहता देखा जा रहा है। इससे सड़क यातायात पूरी तरह प्रभावित हो गया है और दुर्घटना की आशंका लगातार बनी हुई है।
राष्ट्रीय राजमार्ग 43 पर बह रहा नदी का पानी
सीबीएन ३६ के संवाददाता प्रशांत तिवारी द्वारा भेजे गए वीडियो में देखा जा सकता है कि मनेंद्रगढ़ शहर से कुछ दूरी पर स्थित लाई ग्राम के पास हसदेव नर्सरी क्षेत्र में नदी का पानी उफान पर है और यह राष्ट्रीय राजमार्ग 43 पर बह रहा है। इससे इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है। स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने इसे जल संसाधन विभाग की लापरवाही करार दिया है।
बैराज के गेट नहीं खोले, पानी का बहाव नहीं हो सका नियंत्रित
स्थानीय जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि विभाग ने बरसात के मौसम को देखते हुए पूर्व तैयारी नहीं की। बैराज के गेट नहीं खोले गए जिससे पानी का बहाव नियंत्रित नहीं किया जा सका और पानी सीधा मुख्य मार्ग तक पहुंच गया। ऐसे में दुर्घटना की आशंका बनी हुई है और यह विभागीय लापरवाही का परिणाम है।
पहाड़ी क्षेत्रों में भी खतरा मिट्टी कटाव से वृक्ष गिरने की आशंका
अत्यधिक बारिश के कारण पहाड़ी रास्तों में मिट्टी का कटाव हो रहा है, जिससे विशालकाय वृक्षों के गिरने की संभावना बढ़ गई है। इससे भी आवागमन में बाधा और दुर्घटनाओं का खतरा मंडरा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग को चाहिए कि वे इन स्थलों पर मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए ठोस उपाय करें।
प्रशासन अलर्ट, संवेदनशील स्थानों पर की जा रही तैयारी
उक्त हालात को देखते हुए जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड में है। संवेदनशील स्थानों की पहचान कर वहां पर तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे जोखिम वाले क्षेत्रों में जाने से बचें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन को सूचित करें।

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