बिलासपुर। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा साहब द्वारा उच्च न्यायालय की लाइब्रेरी व अन्य अनुभागों में चल रहे प्रकरणों के सत्यापन कार्य का निरीक्षण किया गया। इसके उपरांत उनके द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के कार्यालय भवन एवं परिसर का भी निरीक्षण किया गया।
वर्तमान में हाई कोर्ट में ग्रीष्मकालीन अवकाश चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार औचित्यहीन लंबित प्रकरणों (infructuous cases) को चिन्हांकित करने की प्रणाली विकसित की जा रही है जिससे ऐसे उपरोक्त चिन्हांकित लंबित प्रकरणों को सुनवाई पश्चात् नियमानुसार निराकृत किया जा सके। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के निर्देशानुसार रिट, क्रिमिनल अपील, किमिनल रिवीजन, अवमानना प्रकरणों, सिविल प्रकरणों एवं अन्य प्रकरणों में औचित्यहीन लंबित प्रकरणों (infructuous cases) की लिस्ट बनाने का कार्य चल रहा है जिसे ज्यूडिशियल ऑफिसर एवं उच्च न्यायालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है। उपरोक्त कार्य का निरीक्षण करने हेतु चीफ जस्टिस ने लाइब्रेरी व अन्य अनुभागों में जाकर प्रकरणों की जांच की एवं उन्होंने रजिस्ट्रार जनरल एवं रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल को निर्देशित किया कि प्रतिदिन शाखाओं में चल रहे सत्यापन कार्य की जांच करें एवं उसकी रिपोर्ट उनके समक्ष प्रस्तुत की जावे। न्यायिक अधिकारियों से प्रकरणों के संबंध में चर्चा की गई तथा आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये गये।
इसके उपरांत उनके द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के कार्यालय भवन एवं परिसर का निरीक्षण किया गया। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के कार्यालय भवन एवं परिसर का निरीक्षण करते हुए उन्होंने प्राधिकरण के सचिव को आवश्यक सुधार हेतु जरूरी दिशा-निर्देश प्रदान किये। निरीक्षण के दौरान रजिस्ट्रार जनरल मनीष कुमार ठाकुर, रजिस्ट्रार न्यायिक खिलावन राम रिगरी तथा संयुक्त रजिस्ट्रार कम पीपीएस एम. वी.एल.एन सुब्रहमन्यम उपस्थित रहे।

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