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July 22, 2025 6:54 pm

जहर उगलने वाली औद्योगिक इकाइयों की राज्य सरकार दोबारा करेगी जांच, हाई कोर्ट ने जारी किया निर्देश

बिलासपुर। औद्योगिक प्रदूषण पर रोकथाम की मांग को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को औद्योगिक इकाइयों की दोबारा जांच करने और रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

प्रदेश में संचालित स्पंज आयरन, सीमेंट और अन्य भारी उद्योगों से निकलने वाले धुएं और धूल के कारण वातावरण प्रदूषित होने और श्रमिकों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर उत्कल सेवा समिति, लक्ष्मी चौहान, गोविंद अग्रवाल और अमरनाथ अग्रवाल सहित अन्य याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट में जनहित याचिकाएं दाखिल की थीं। इन याचिकाओं में आरोप लगाया गया कि इन औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला धुआं और डस्ट फेफड़ों की गंभीर बीमारियों का कारण बन रहा है। इसके बाद हाई कोर्ट ने सभी याचिकाओं को संयुक्त रूप से सुनवाई के लिए स्वीकार किया। सुप्रीम कोर्ट ने भी देश के कई राज्यों को औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण को लेकर कड़े निर्देश जारी किए हैं। छत्तीसगढ़ में इसी के अनुपालन में हाई कोर्ट ने राज्य शासन से स्पष्ट और ठोस कार्रवाई की अपेक्षा जताई है। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अब राज्य शासन के अधिकारी, कोर्ट कमिश्नर और अतिरिक्त महाधिवक्ता मिलकर 60 उद्योगों की दोबारा जांच करेंगे और प्रदूषण की वास्तविक स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करेंगे। यह रिपोर्ट अगली सुनवाई में पेश की जानी है। हाई कोर्ट ने पहले ही कोर्ट कमिश्नरों की नियुक्ति कर प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों का निरीक्षण कराया था, जिनकी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपी जा चुकी है। हाल ही में हुई सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने जानकारी दी कि 36 कंपनियों को नोटिस जारी करने के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण के उपाय किए जा रहे हैं।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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