बिलासपुर। प्रदेश की 19 नदियों के संरक्षण व संवर्धन को लेकर स्थानीय जिला प्रशासन की लापरवाही और नदियों में हो रहे बेतहाशा उत्खनन को लेकर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है। कोर्ट ने उद्गम स्थलों के संरक्षण को लेकर कमेटी बनाने का निर्देश दिया है। उद्गम स्थलों को राजस्व रिकार्ड में दर्ज करने का निर्देश भी डिवीजन बेंच ने दिया है। कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर शपथ पत्र पेश करने कहा है।
अरपा नदी के संरक्षण व संवर्धन को लेकर बिलासपुर हाई कोर्ट में दो जनहित याचिका पर एकसाथ सुनवाई हो रही है। दायर याचिका में उद्गम स्थल के संरक्षण व संवर्धन के अलावा नदियों के संरक्षण पर जोर दिया है। नदियों में हो रही रेत की बेतहाशा खोदाई पर चिंता जताते हुए इस पर प्रभावी ढंग से रोक की मांग की है। याचिका में इस बात की भी शिकायत की गई है कि जिला प्रशासन के रोक के बाद भी माफिया बेखौफ खोदाई और परिवहन कर रहे हैं। रेत की कीमतें भी अनाप शनाप तय की जा रही है। माफिया जो मुंह में आए वही रेट लगा रहे हैं। इससे अपना आशियाना बनाने वालों को आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ रहा है। नदियों में हो रही खोदाई के कारण नदियों के भीतर गहरे गड्ढे बन गए हैं। बारिश के दिनों में यह खतरनाक हो जाता है। अरपा में अब तक एक दर्जन से ज्यादा बच्चों की डुबने से मौत हो चुकी है। दोनों जनहित याचिका की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

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