बिलासपुर। स्वामी आत्मानंद तिलक नगर स्कूल में मंगलवार को उस वक्त हंगामे की स्थिति बन गई, जब 10वीं और 12वीं कक्षा के दो दर्जन से अधिक छात्रों को बोर्ड परीक्षा से वंचित कर दिया गया। स्कूल प्रबंधन ने कम उपस्थिति (शॉर्ट अटेंडेंस) का हवाला देते हुए छात्रों को अपात्र घोषित कर दिया।

परिजन और छात्र कलेक्टरआईएएस अवनीश शरण से मिले और उन्हें समस्याओं से अवगत कराया ।कलेक्टर ने स्कूली छात्रों को राहत देते हुए उन्हें बेस्ट ऑफ़ लक कहा ।

अभिभावकों को मिली व्हाट्सएप पर सूचना
स्कूल प्रशासन ने 75% से कम उपस्थिति वाले छात्रों के अभिभावकों को व्हाट्सएप के जरिए सूचना भेजकर परीक्षा से बाहर किए जाने की जानकारी दी। इस फैसले के बाद अभिभावकों और छात्रों में भारी आक्रोश है। छात्र-छात्राएं अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और अभिभावक स्कूल प्रबंधन से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग कर रहे हैं।
बच्चे और अभिभावक लगा रहे अधिकारियों के चक्कर

परीक्षा से वंचित किए गए छात्र और उनके माता-पिता स्कूल प्रशासन से बातचीत करने पहुंचे, लेकिन जब कोई समाधान नहीं निकला तो वे जिला शिक्षा अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से मदद की गुहार लगाने लगे।
स्कूल प्रबंधन ने दिया बयान
स्कूल की प्रिंसिपल संयोगिता सिंह ने कहा, “हम नियमों के अनुसार कार्रवाई कर रहे हैं। जिन छात्रों की उपस्थिति 75% से कम है, वे परीक्षा देने के योग्य नहीं हैं। यह नियम सभी स्कूलों में लागू होता है, इसलिए इसमें कोई ढील नहीं दी जा सकती।”
अभिभावकों की अपील
अभिभावकों का कहना है कि बच्चों की सालभर की मेहनत खराब न हो और उन्हें परीक्षा में बैठने का मौका मिले। कुछ अभिभावकों ने अपील की कि विशेष परिस्थिति में स्कूल को छात्रों को राहत देनी चाहिए, ताकि उनका भविष्य प्रभावित न हो।
अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या इन छात्रों को परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा या नहीं।

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