रायपुर, 27 नवम्बर 2025। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का उद्देश्य ग्रामीण गरीबों को पक्का और सुरक्षित आवास उपलब्ध कराना है। योजना के तहत लाभार्थियों को स्थानीय सामग्री तथा प्रशिक्षित राजमिस्त्रियों का उपयोग कर गुणवत्तापूर्ण मकान निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। निर्माणाधीन तथा पूर्ण आवासों को जियोटैग के माध्यम से नियमानुसार वास्तविक स्थिति के अनुरूप दर्ज किया जाता है।
ग्रामीण बेघर नागरिकों को पक्का मकान उपलब्ध कराने का लक्ष्य
केंद्र सरकार की इस योजना के माध्यम से कच्चे मकानों में रहने वाले अथवा बिना छत वाले परिवारों को पक्के घर बनाने हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। लाभार्थियों द्वारा निर्मित मकानों का जियोटैग निर्धारित मानकों के अनुसार किया जाता है जिससे निर्माण की वास्तविक स्थिति सुनिश्चित की जा सके।
जिला स्तरीय समिति का निरीक्षण, कई आवास पूर्ण अवस्था में मिले
कलेक्टर गरियाबंद श्री उईके के निर्देश पर गठित जिला स्तरीय जांच समिति ने छह ग्राम पंचायतों में स्थल निरीक्षण कर अपूर्ण आवासों की वास्तविक स्थिति स्पष्ट की।ग्राम पंचायत सरईपानी में हितग्राही गोर्वधन नागेश, कन्हल राम और गजिन के मकान पूर्ण पाए गए।ग्राम पंचायत उसरीजोर में हितग्राही दुर्गासिंह का आवास निर्माणाधीन मिला। इसका जियोटैग प्लिंथ स्तर पर किया गया था। निर्माण कार्य जारी रहने के कारण गृह प्रवेश नहीं कराया गया है।निरीक्षण के दौरान जियोटैग और भौतिक स्थिति का मिलान कर निर्माण प्रगति की पुष्टि की गई।
कई स्थानों पर आवास पूरी तरह निर्मित
योजना के तहत राशि सीधे लाभार्थियों के आधार-लिंक्ड बैंक खातों में स्थानांतरित की जाती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।ग्राम पंचायत गोढियारी में हितग्राही सुखचंद का आवास पूर्ण मिला।ग्राम पंचायत मुडगेलमाल में हितग्राही भंवर का आवास पूरी तरह निर्मित पाया गया।अमलीपदर पंचायत में हितग्राही धनमती और निरोबाई के आवास भी पूर्ण अवस्था में पाए गए।
कलेक्टर श्री उईके ने बताया कि सभी स्थलों पर किए गए भौतिक निरीक्षण और आवास सॉफ्टवेयर में दर्ज जियोटैग के मिलान से यह स्पष्ट हो गया है कि किसी भी अपूर्ण आवास में गृह प्रवेश नहीं कराया गया है। सभी जियोटैग नियमानुसार और वास्तविक स्थिति के अनुरूप हैं।
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