बिलासपुर। ध्वनि प्रदूषण को लेकर चल रही जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव ने शपथपत्र पेश किया। जानकारी दी कि कोलाहल नियंत्रण एक्ट के तहत संशोधन का काम चल रहा है जो शीघ्र ही पूरा हो जाएगा। हस्तक्षेपकर्ता ने कोर्ट को बताया कि ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड बीआईएस के गाइडलाइन का सरकार की तरफ से पालन नहीं हो रहा। जिससे लोगों को दिक्कत हो रही है। कोर्ट ने सांइटीफिक डाटा पेश करने कहा, जिससे पता चले कि मानव शरीर पर क्या और कितना प्रभाव पड़ेगा। राज्य में ध्वनि प्रदूषण को लेकर हाईकोर्ट ने स्व संज्ञान लिया है, जिस पर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई चल रही है। पहले हुई सुनवाई में महाधिवक्ता ने बताया था कि, ध्वनि प्रदूषण विनियमन एवं नियंत्रण नियम, 2000 के अनुरूप कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 में आवश्यक संशोधन करने हेतु गठित समिति की पहली बैठक हो चुकी है और अलग से भी बैठक चल रही है।
पूर्व में कोर्ट ने यह भी कहा था लेजर लाइटिंग के कारण लोगों की आंखें प्रभावित हो रही हैं जिससे उनकी रेटिना और कॉर्निया को नुकसान पहुंच रहा है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि, त्योहारों और विवाह समारोहों में डीजे साउंड सिस्टम पर उपयोग की जाने वाली उक्त लेजर लाइटों पर अंकुश लगाने के लिए कोई रोडमैप तैयार नहीं किया गया है।
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