खरीदी में लापरवाही पर होगी कड़ी कार्रवाई, कलेक्टर बोले ,किसी भी कीमत पर काम बाधित न हो
मुंगेली। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 की धान खरीदी प्रक्रिया जिले में 15 नवंबर से शुरू हो चुकी है। कलेक्टर कुन्दन कुमार के निर्देश पर प्रशासन ने धान खरीदी व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए सभी तैयारी पूरी कर ली है। इस बीच सहकारी समितियों के कर्मचारियों की हड़ताल को देखते हुए शासन ने सख्त कदम उठाते हुए पूरे प्रदेश में एस्मा (छत्तीसगढ़ आवश्यक सेवा संरक्षण एवं विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979) लागू कर दिया है।
शासन की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि धान खरीदी पूरी होने तक खरीदी कार्य में लगे सभी कर्मचारी आवश्यक सेवा की श्रेणी में रहेंगे। निर्धारित स्थान पर ड्यूटी के लिए उपस्थित न होना या कार्य करने से इनकार करना एस्मा उल्लंघन माना जाएगा। इसके तहत बिना वारंट गिरफ्तार किए जाने का भी प्रावधान है। शासन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि खरीदी कार्य में किसी भी तरह का व्यवधान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कलेक्टर कुन्दन कुमार ने बताया कि धान खरीदी किसानों के लिए अत्यंत आवश्यक सेवा है। इसे किसी भी कीमत पर बाधित नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि खरीदी केंद्रों में व्यवस्थाएं दुरुस्त रहें और किसी भी तरह की लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि किसानों को परेशानी न हो, इसी उद्देश्य से शासन ने एस्मा लागू किया है।
क्या है एस्मा?
छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 के अनुसार, अधिसूचित अवधि में अत्यावश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारी कार्य से इनकार नहीं कर सकते। पूर्ण या आंशिक कार्य विराम भी प्रतिबंधित है। नियमों का उल्लंघन दंडनीय अपराध माना जाता है।
शासन का स्पष्ट संदेश है कि हड़ताल की स्थिति में भी धान खरीदी व्यवस्था किसी हालत में प्रभावित नहीं होने दी जाएगी।
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